तो दोस्तो आज हम लाेेग एक और इंम्पार्टेंट टॉपिक पर बात करने वाले है की, सच्ची खुुशी यानी की रियल हेप्पीनेस क्या है? तो एक्चुली अभी तक हम जिसे रियल हेप्पीनस समझ रहे थे वाेे रियल हेप्पीनेेस हैै ही नही जिसे हम रियल हेप्पीनेेस समझ रहे थेे वो है प्लेजर, चलिए हम लोग प्लेजर को समझने की कोशीश करते है प्लेजर हमारेे लाईफ मेे कुछ टाईम के लिए आता है और फिर चला जाता है।
तो जो प्लेजर होता हैै वो टेम्प्ररी होता हैै और ये हमे दो चीजो से मीलता है!
पहला है लिविंग चीजो से और दूसरा नॉन लिविंग चीजो की वजह से लिविंग चींजो की बात करे तो इसमे दो चींजे आती हैै पहला ह्यूमन और दूूूूसरा एनिमलश्,
अब ह्यूमन कि बात करे तो जब दो लोगाेे के बीच अच्छा रिलेशनशीप होता है तो उनके बीच एक स्ट्रांग कनेक्शन बन जाता है और इस कनेक्शन की वजह से ही इन्हे खुशी मीलती है तो जैसे हि ये कनेक्शन ब्रेक होता है तो हेप्पीनेस भी खत्म हो जाती है और ये लोग फिर से अनहेप्पी हो जाते है तो यहां पर जो हेप्पीनेेस मिल रही थी वो भी टेम्पररी है।
अब हम लोग बात करे एनिमल के केस मे तो बहुुत सारे लोग अपने लाईफ मे व्यस्त हो गये है तो एक दूसरे के साथ टाईम स्पेंड ही नहींं कर पाते हैै तो ऐसे लोग एनीमल्स को पालने लगे है जैसे की केट और डॉग जब ये लोग केट और डॉग के साथ टाईम स्पेंड करते है तो इन्हे खुशी मिलती है लेकिन जैसे ही ये केट या डॉग इनके लाईफ से चली जाती है तो ये फिर से अनहैप्पी हो जाते है तो यहां पर भी जो हैप्पीनेस मिल रही भी वाेे टेम्पररी है।
अब हम लोग बात करते है नॉन लिविंंग चीजो की इसमे आते है मॅनी,कार,हाऊस और एक्सपेंसीव प्रोडक्ट जब ये चीज हमारे पास आती है तो हम लोग बहुुत ज्यादा खुश हो जाते है लेकिन जैसे ही ये चीजे हमारे पास से चली जाती है तो फिर से अनहैप्पी हो जाते है तो यहां पर भी जो हमे हैप्पीनेश मिल रही थी वो टेम्पररी है।
तो अभी तक हमने देखा की हम लाेेग जो रियल हैप्पीनेस समझ रहे थे वो रियल हैप्पीनेेस है हि नही वो है प्लेजर जो कुुछ टाईम के लिए आता हैै और फिर चले जाता है।
तो चलिए हम लोग रियल हैप्पीनेस काेे समझने की कोशीश करते है, रियल हैप्पीनेस एक कन्टीन्यूड स्टेेट होती है इस स्टेट मे हम बिना कारण के खुुुश होते है खुश होने के लिए हमारे पास कोई कारण नहीं होता है लेकिन फिर भी हम लोग हमेेशा खुश रहते है रियल हैप्पीनेश एक फीलींग होती है जो बिना एफर्ट केे आती है !
लेकिन हम लोग खुश होने के लिए क्या करते है एक गोल बनाते है और उसको अचीव करने के लिए कन्टीन्यूड एक्शन लेते रहते है लेकिन जीस दीन हम एक्शन लेना बन्द कर देते है तो हमारी खुशी भी जो है वो एण्ड हो जाती है यानी की हम अनहैैैैप्पी हो जाते है।
तो चलिए हम समझने की कोशीश करते है कि हमे रियल हैप्पीनेस कब फील होती है? जब हम बिना कारण के खुश होते है तब हमे रियल हैप्पीनेस फील होती है, जब हम अपने लाईफ का कोई परपस पूूूरा कर लेते है तब हम रियल हैप्पीनेस फील होती है, जब हमारी वजह से किसी के फेस पर एक प्यारी सी स्माईल आती है तब हम रियल हैप्पीनस फील होती है, जब हमारी वजह से किसी के लाईफ मे वैल्यूू एड होती है हमारी वजह से किसी की लार्डफ मे ग्रोथ होती हैै तब हम लोग बहुत खुश हो जाते है!
जैसे एक टिचर जब एक टिचर केे स्टुुुुुडेंट, लाईफ मे बहुत ज्यादा ग्रोथ करते है तो टिचर को बहुत ज्यादा खुशी होती है जब हम लोग दूसरो के लिए जीना शुरू कर देते है तब हमे खुशी होती जब हम अपने आप को पूरी तरीके से एक्सेप्ट कर लेते है , हम काले हैै गोरे हैै लम्बे है नाटे है अच्छे है बुरे है जब हम अपने आप को पुरी तरह एक्सेेेप्ट कर लेतेे है तो उसी दीन सेे रियल हैप्पीनेस फील होनेे लगती है।
जब हम दूूूूूसरो को कुछ देना स्टार्ट करते है तब हमे रियल हैप्पीनेस फील होती जब हम खुद के साथ टाईम स्पेंड करने लगते है या खुद के साथ इन्ज्वाय करने लगते है तब हम रियल हैप्पीनस फील होती है जब दूसरे लोगो के साथ हमारे रिलेशनशीप बहुुत अच्छेे रहते तब हमे रियल हैप्पीनेस फील होती है।
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