Mind किन Thoughts को रखता है? : जो इंटरनल वर्ल्ड है वहां तक सिर्फ 10 परसेंट
ही thoughts पहुच पाते हैं और उसी को हम लोग कहते हैं मेमोरी, लेकिन यह जो
फिल्टर है यह कौन से हैं डिलीशन, डिस्ट्रक्शन और जनरलाइजेशन तो यह तीन फिल्टर
की वजह से डाटा एक तो डिलीट हो जाता है…
Discussion On Topic : Mind किन Thoughts को रखता है?
तो दोस्तों आज हम एक और इंपॉर्टेंट टॉपिक पर बात करने वाले हैं की mind कौन से थॉट्स को रखता है
और कौन से थॉट्स को delete कर देता है तो चलिए हम इसे समझने की कोशिश
करते हैं पिछले टॉपिक में हमने बात की थी की जो हमारा एक्सटर्नल वर्ल्ड है वहां
से जो भी थॉट्स हमारे इंटरनल वर्ल्ड में जाते हैं वह 90% या तो फिल्टर हो जाते
हैं या फिर डिलीट हो जाते हैं और जो इंटरनल वर्ल्ड है वहां तक सिर्फ 10 परसेंट
ही thoughts पहुच पाते हैं और उसी को हम लोग कहते हैं मेमोरी, लेकिन यह जो
फिल्टर है यह कौन से हैं डिलीशन, डिस्ट्रक्शन और जनरलाइजेशन तो यह तीन फिल्टर
की वजह से डाटा एक तो डिलीट हो जाता है या फिर फिल्टर हो जाता है लेकिन
अब सवाल यह आता है कि यह जो फिल्टर है DDG यह डिपेंड किस पर
करते हैं यह किस पर डिपेंड करते हैं और यह किसकी मदद से या डाटा डिलीट
करते क्योंकि हमेशा तो ऐसा नहीं होता है क्योंकि जब हम कोई मूवी
देखते हैं तो होता उल्टा है हमारे साथ केवल 10% डाटा डिलीट होता है
बाकी 90% डाटा हमें याद रहता है और यही अगर मैं पढ़ाई की बात करूं तो
90% डाटा डिलीट हो जाता है और केवल 10% डाटा हमारे मेमोरी में
स्टोर होता है तो ऐसा क्यों होता है जब कंटेंट चेंज होता है तो यह मेमोरी या
mind काम करना क्यों चेंज कर देता है तो चलिए
इसे समझने की कोशिश करते हैं
तो दोस्तों यह जो फिल्टर मैं बताएं यह कुछ चीजों पर डिपेंड करते हैं और उन्हीं के बेस
पर काम करते हैं तो चलिए हम स्टेप बाय स्टेप समझते हैं
Belief सिस्टम –
सबसे पहले अगर मैं बात करूं तो आता है बिलीफ सिस्टम किसी थॉट को लेकर हमारा belief सिस्टम
क्या है जैसे कि अब यह थॉट मास्टर कोर्स हमारा चल रहा है और अगर आपको ऐसा लगता है कि इस सीरीज
या इस कोर्स की मदद से आपकी लाइफ में चेंज आएंगे तो आपको डाटा पूरा समझ आएगा और
अगर आपको लगता है कि नहीं यार यह सारी चीज टाइम वेस्टिंग है यह मुझे लाइफ
में किसी काम में नहीं आएगी तो बहुत सारा डाटा आपके mind से इसका डिलीट हो जाएगा ।
Values –
दूसरी अगर मैं बात करूं तो है वैल्यूज कि किसी थॉट कि आपका mind में क्या वैल्यू है
जैसे की नॉलेज की बात करें अगर आपको लगता है की नॉलेज आपको आपके लक्ष्य तक
आपके गोल तक पहुंचने में मदद करेगा तो नॉलेज वाली बातें आपको समझ आएगी लेकिन
अगर आपको ऐसा लगता है नहीं नहीं
यह नॉलेज वाली बातें मेरे किसी काम की नहीं मुझे
तो सुबह उठना है खेत जाना है यह ऑफिस जाना है आना है अपनी लाइफ तो सेटल है
आपका कोई goal नहीं है आपका कोई विजन नहीं है और उसे रिलेटेड आपको नॉलेज
की जरूरत नहीं पड़ रही है तो जब भी नॉलेज बातें होंगी तो
90% डाटा डिलीट हो जाएगा और मात्र 10% data आपकी मेमोरी में जाएगा
Past Experience –
तो दोस्तों इसके बाद हम कर बात करते हैं पास्ट एक्सपीरियंस जैसे
अगर मैं बात करूं दोस्त या गर्लफ्रेंड की जब भी कोई इनसे रिलेटेड
thought आपके mind में जाएंगे और आपका पस्त एक्सपीरियंस बहुत
खराब है दोस्ती को लेकर या गर्लफ्रेंड को लेकर तो जब भी इन टॉपिक पर बात
होगी तो आपको बड़ा अजीब लगेगा बड़ा बोरियत सा लगेगा लेकिन अगर
आपको वही आपकी दोस्ती से लगा है आपकी गर्लफ्रेंड से लगाव है तो वहां
अगर ऐसी बातें होती है तो आपको बड़ा इंटरेस्ट आएगा
और इसका 90% data आपके मन में चला जाएगा मुश्किल से 10% डाटा डिलीट होगा |
Decision –
इसके बाद अगला आता है डिसीजन किसी थॉट्स को लेकर आप क्या डिसीजन
लेते हो अपने पास्ट में क्या डिसीजन लिए हैं और अभी क्या ले रहे हो जैसे अगर मैं
बात करूं दोस्ती की या फिर नॉलेज की नॉलेज से रिलेटेड जब भी थॉट्स आपके
mind में आए हो तो पहले आपने क्या डिसीजन लिया क्या आपने नॉलेज gain करने
की कोशिश की या फिर आपने सोचा कि यार यह Gyan वाली बात हमको समझ ही नहीं
आती तो अपने पास्ट में क्या डिसीजन लिया और आप अभी क्या ले रहे हो अगर आपके
पास नॉलेजबल चीज आ रही है तो आप एक्शन क्या ले रहे हो क्या आप उसे एक्सेप्ट करने के
लिए तैयार हो या फिर आप आलसी करते रहो कि यह अपने
बस की बात नहीं तो यह डिसीजन पर भी डिपेंड करता है
Information –
इसके बाद हम बात करते हैं इनफॉरमेशन अगर किसी टॉपिक को लेकर पहले से आपके
पास कोई इनफॉरमेशन है तो 90% data आपके मन में स्टोर हो जाएगा और 10 % data
ही डिलीट होगा लेकिन अगर कोई नई चीज आपके mind में डाली जाए
तो केवल 10% ही आपके मन में जाएगी बाकी 90% डाटा डिलीट हो जाएगा ।
physiological State –
और दोस्तों इसके आगे हम बात करते हैं फिजियोलॉजिकल स्टेट मतलब कि आपकी हेल्थ जब आपकी
तबीयत खराब होगी जब आप बीमार रहोगे और तब आपको कोई नॉलेज चीज़ पढ़ाई या सिखाएं तो तब
आपके mind में मुश्किल से 10% ही data जाएगा बाकी 90% डाटा डिलीट हो जाएगा या आप किसी
शादी फंक्शन में हो या पार्टी कर रहे हो और वहां आपको कोई नॉलेज बातें बताएं तो वह भी आपको
बिल्कुल समझ नहीं आएगी उसी की जगह अगर मैं बात करूं कि आप लाइब्रेरी गए हो पूरा माइंडसेट
करके गए हो कि मुझे पढ़ना है और फिर वहां पर अगर
कोई मस्ती कर तो वह मस्ती वाली बात आपको समझ में नहीं आएगी ।
तो दोस्तों यह जितनी भी चीज मैंने आपको बताई इस पर डिपेंड करते है हमारे
फिल्टर यह जितनी चीज मैंने आपको बताइए जैसे आपके मन में होगी वैसे ही
आपके फिल्टर काम करेंगे इसी वजह से बहुत चीज हमें बहुत जल्दी और बड़े
आसानी से समझ आ जाती है और बहुत चीज हमें बिल्कुल समझ में नहीं आती है बहुत
चीज पहली बार में समझ में नहीं आती लेकिन जब हम
बार-बार उसे चीज के स्टडी करते हैं तो वह हमें बहुत अच्छे से समझ आ जाती हैं ।
तो अगर आप इस का वीडीयो देखना चाहते हो और
Mind किन Thoughts को रखता है? को
समझना चाहते हो तो निचे दिये गये लिंक पर क्लिक करो –