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DRx DEVESH PAL |
आज हम लोग एक इंपॉर्टेंट टॉपिक पर बात करने वाले हैं, कभी ना कभी हमारे माइंड में सवाल आता है कि मेरे ही साथ इतना बुरा क्यों होता है, मेरी ही लाइफ इतनी दुखी क्यों है, और मेरी ही लाइफ में इतनी सारी प्रॉब्लम क्यू आतीं है। भगवान, अल्लाह, गॉड या नेचर से हम कहते हैं कि मेरे ही साथ इतना बुरा क्यों होता है, मैंने तो कभी किसी का बुरा नहीं किया, मैंने तो कभी किसी का बुरा नहीं सोचा, तो मेरी ही लाइफ में इतना सब कुछ क्यों हो रहा है।
तो माय डियर फ्रेंड्स इसके लिए हम खुद जिम्मेदार है। जाने अनजाने में कहीं ना कहीं हम लॉ ऑफ अट्रैक्शन का यूज करते हैं जैसे, हम लोगों से कहते हैं जब हमें लोग कहते हैं कि कैसी चल रही है लाइफ? तो हम लोग कहते हैं कट रही है लाइफ, चल रही है लाइफ या फिर हम लोग कहते हैं आप तो बहुत अमीर इंसान हैं हम तो बहुत गरीब इंसान हैं, आप तो बहुत बड़े इंसान हैं हम तो बहुत छोटे इंसान हैं, और यही बात नहीं सर सुन लेता है और बदले में हमें वैसे ही चीजें रिटर्न करता है जैसे हम हमेशा गरीब व छोटे बन के रहते हैं, हमेशा हमारी लाइफ सिर्फ कटती ही है। तो अगर इस कंडीशन को हमें सुधारना है तो हमें लॉ ऑफ अट्रैक्शन का सही तरह से यूज करना होगा, लॉ ऑफ अट्रैक्शन कहता है कि जो चीज हमें चाहिए उसे हमें माइंड में मान लेना चाहिए कि वो चीज हमें मिल गई है जैसे हम अमीर बनना चाहते हैं तो हमे माइंड में मान लेना है कि हम अमीर बन गए है और उसी के अकॉर्डिंग हमें बिहेव करना है।
जैसे अलीबाबा के फाउंडर जैकमा से जब पूछा गया कि आप इतने जल्दी सफल कैसे हो गए? तो उन्होंने कहा कि इस सफलता की तैयारी मैं अपने माइंड में 10 सालों से कर रहा था तभी आज मैं अपने लाइफ में सफल हो पाया हूं।
तो जब हम लॉ ऑफ अट्रैक्शन का सही तरह से यूज करना सीख जाते हैं, तो कभी अपने माइंड में ये नहीं कहते की मेरी ही लाइफ में इतनी सारी प्रॉब्लम क्यू आतीं है? मैं ही हमेशा इतना दुखी क्यों होंता हूं? मेरी ही लाइफ सबसे खराब क्यों है? बल्कि हम अपने माइंड से कहते है, मैं बहुत अच्छा इंसान हूं, मेरे आस पास सभी बहुत अच्छे लोग है, अच्छी सोसाइटी में मैं रहता हूं, मेरा परिवार बहुत अच्छा है और मैं हमेशा खुश रहता हूं।