ईमोशन : सफलता की राह….पार्ट(2)

ईमोशन : इमोशन कभी भी हमें अपने लाइफ में आगे नहीं बढ़ने देता है,
जैसे– हम कोई बिजनेस कर रहे हैं तो हमे पहले ही डर लगता है कि बिजनेस
में फेल हो गए तो या बिजनेस नहीं चला तो, इसी कारण से हम अपने लाइफ में
कभी ग्रो नहीं कर पाते। क्योंकि यह इमोशंस हम पर बहुत ज्यादा हावी हो जाते हैं।
Feature Image ईमोशन ||
Feature image ||

DISCUSSION ON TOPIC : ईमोशन\EMOTIONS 

जीवन में हमे इमोशंस को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। वर्ना कई बार हम

इमोशनली होकर बहुत ज्यादा गलत एक्शन ले लेते है, जिसकी वजह से बहुत

ज्यादा प्रॉब्लम्स आ जाति है, जिसकी वजह से हम अपनी लाइफ में हमेशा दुखी रहते है ,

इसलिए बहुत सारे ज्ञानी लोग कहते है की जब हम लोग बहुत ज्यादा खुश हो या बहुत

ज्यादा दुखी हो या बहुत ज्यादा गुस्से में हो या फिर बहुत ज्यादा डरे हुए हो ,तब

हमे बुद्धि से काम लेना चाहिए और बहुत ही सोच समझ के कोई भी एक्शन लेना चाहिए

वर्ना हम लोग कोई भी गलत एक्शन ले लेते है जो हमारे लाइफ के लिए बिल्कुल भी सही नही होता है। 


तो चलिए  समझते हैं की इन इमोशंस को कंट्रोल कैसे किया जा सकता है। इमोशंस को कंट्रोल करने

के लिए हमे समझना होंगा की इमोशंस होते कितने प्रकार के है –

1).हैप्पीनेस /खुशी


आप ऐसे बहुत सारे लोगों को जानते होंगे जो अपनी पर्सनल लाइफ में बहुत ज्यादा

कंजूस होते है। लेकिन जब उनके यहां कोई फंक्शन होता है, तब आप उनसे

दस रुपए मांगे तो वह सौ  रुपए देते है, इसका कारण एक ही हैं , की उनके उपर

हैप्पीनेस का इमोशन हावी होता है। और जब भी कोई इमोशन, हम पर हावी होता है ,

तो हमारी बुद्धि बिल्कुल भी काम नहीं करती है।

HAPPINESS : ईमोशन ||
HAPPINESS ||

यह भी पढ़ें : Life Goal | Drx Devesh Pal

2).सेडनेस/उदासी

इस इमोशन की बात करें तो, ये इमोशन जिस पर हावी होता है तो उसे जिस कारण
से दुख हुआ है वो उस कारण के बारे में ही सोचता है, इसके अलावा उसे कुछ भी दिखाई
नहीं देता है। अगर एक लड़के और लड़की की बात करूं तो अगर वो लव रिलेशन में है
और उनका ब्रेकअप हो गया है तो उन्हें लव के अलावा कुछ दिखाई ही नहीं देता फैमिली,
मां , बाप ,भाई , बहन अपना करियर, अपने फ्रेंड्स कुछ नहीं दिखाई देता हैं , क्युकी ये
जो सेडनेस वाला इमोशन हैं ये उनके उपर पूरी तरीके से हावी हो जाता हैं।
SADNESS ईमोशन
SADNESS ||


3).एंगर/गुस्सा

जब हमारी बात कोई नहीं मानता है, या कोई भी काम हमारे अकॉर्डिंग नही होता है ,
तो हमें बहुत तेज गुस्सा आ जाता है और ये इमोशन हमारे उपर इतना हावी हो जाता है,
की हम अपना मोबाइल फोड़ देते है, TV फोड़ देते है या किसी को बहुत ज्यादा नुकसान
पहुंचा देते हैं। उस समय हमें बिल्कुल भी पता नहीं रहता है, की जो हम कर रहे हैं
वो हमारे लिए ही नुकसानदायक है।


4).Fear/डर


यह इमोशन कभी भी हमें अपने लाइफ में आगे नहीं बढ़ने देता है, जैसे– हम कोई बिजनेस कर
रहे हैं तो हमे पहले ही डर लगता है कि बिजनेस में फेल हो गए तो या बिजनेस नहीं चला तो,
इसी कारण से हम अपने लाइफ में कभी ग्रो नहीं कर पाते। क्योंकि यह इमोशंस
हम पर बहुत ज्यादा हावी हो जाते हैं।
FEAR ||
FEAR ||

यह भी पढ़ें : Secrets Of Success | DRx Devesh Pal


5).सरप्राइज/हैरानी

जब भी हमारा बर्थडे होता है या हमारे लाइफ में कोई भी कोई भी स्पेशल डे होता है,
तो हमें बहुत सारी सरप्राइस मिलती है। उस समय हामारी  बुद्धि बिल्कुल भी काम नहीं
करती है, क्योंकि वह हमारे लिए सडेनली हुआ है, वो एक ऐसी सिचुएशन होती है जो कभी
हम लोगों ने सोची भी नहीं होती है, और वो अचानक होती है,

Happiness

तो उस समय हम लोग बहुत
ज्यादा खुश हो जाते हैं ये इमोशन खुशी से जुड़ा हुआ है,लेकिन अगर पॉजिटिव हुआ तो,
अगर ये इमोशन नेगेटिविटी की ओर मूव करता है तो हमारे लिए प्रॉब्लम है। जैसा कि
आपके कोई पहचानने वाले होंगे, जानने वाले होंगे उनकी लाइफ नॉर्मल चल रही है,
बहुत अच्छी हैं लेकिन सडेनली उनके लाइफ में कोई प्रॉब्लम आतीं है तो आप सर्प्राइज
हो जाते हैं कि यार ये कैसे हो गया, तो इस इमोशंस को कंट्रोल करना भी बहुत जरूरी है।
SURPRISED ईमोशन ||
SURPRISED ||


6).Disgust/घृणा

यह लिविंग चीजों से और नॉन लिविंग चीजों से दोनों से हो सकता है, जैसे किसी
व्यक्ति से हम बिल्कुल भी मिलना नहीं चाहते, उसके साथ बिल्कुल भी टाइम स्पेंड करना
नहीं चाहते, क्योंकि उस व्यक्ति से हमें घिन आती है, या कोई ऐसा प्लेस जहां हम जाते
हैं तो हमें बिल्कुल भी हमें वहां रुकने की इच्छा नहीं होती, क्योंकि उस प्लेस से हमें घिन आती है।
लेकिन इसे कंट्रोल करना बहुत जरूरी है , क्योंकि उस व्यक्ति की बात करूं या उस प्लेस की
बात करूं हम लोग वहां थोड़े समय के लिए होते हैं, लेकिन यह इमोशन हमारे ऊपर
इतना हावी हो जाते हैं कि हम, अपना पूरा दिन बर्बाद कर देते हैं।
Disgusting ईमोशन ||
Disgusting ||

यह भी पढ़ें : प्रॉब्‍लम को सॉल्‍व करने का तरीका ||

तो इन इमोशंस को कंट्रोल करने का एक ही उपाय है, और वो है रेगुलर मेडिटेशन।
अब बहुत सारे लोग कहेंगे कि सर हम मेडिटेशन तो करते हैं लेकिन जैसे ही
मेडिटेशन करते हैं तो हमारा मन स्थिर नहीं रहता है भटकने लगता है,
हमारे मन में बहुत सारे ख्याल आते है।

Meditation 

तो देखिए मेडिटेशन एक स्किल है, जिस तरह साइकिल चलाना एक स्किल है जब हम

लोगों ने फर्स्ट बार साइकिल चलाई थी, तो हम लोगों ने चलाना नहीं सिखा था, हम गिर गए थे,

फिर कुछ टाइम चलाते गए चलाते गए गिरते गए लेकिन एक दिन ऐसा आया की हम साइकिल

चलाना सीख गए। अब सालो हो गए हैं हमने साइकिल नहीं चलाई है, लेकिन फिर भी हम

साइकिल चलाना नहीं भूले हैं। तो उसी तरह मेडिटेशन 1 दिन, 2 दिन, 5 दिन, 10 दिन,

से नहीं होंगा लेकिन जब हम इसे रेगुलर करते रहेंगे करते रहेंगे एक महीने बाद, 2 महीने बाद,

3 महीने बाद हम इसमें परफेक्ट हो जाएंगे और जिस दिन हम मेडिटेशन करने में परफेक्ट हो गए,

तो जो हमारा माइंड है वह हमारे विचारों का ख्याल रखता है।

 

अब आप पूछेंगे कैसे? हमारे पास 2 टाइप के माइंड होते हैं– कॉन्शियस माइंड मतलब की

चेतन मन, और दूसरा होता है सबकॉन्शियस माइंड मतलब कि अवचेतन मन तो

चलिए इसे समझते हैं कि यह कैसे काम करते हैं–

यह भी पढ़ें : हमारा Mind कैसे काम करता है ?

 कॉन्शियस माइंड
कॉन्शियस माइंड में आने वाले जो विचार हैं वह आते हैं हमारे इमोशंस के अकॉर्डिंग,
अगर हमें जो कॉन्शियस माइंड में विचार आ रहे हैं उन्हें कंट्रोल करना है तो उसके लिए हमें
हमारे इमोशंस पर कंट्रोल करना होगा, और हमारे इमोशंस को कंट्रोल करने के लिए हमें हमारे
सबकॉन्शियस माइंड को प्रोग्राम करना पड़ेगा, क्योंकि जो हमारा सबकॉन्शियस माइंड है,
वो हमारे इमोशंस, हमारी फीलिंग और हमारे थॉट्स का स्टोर हाउस होता है, तो अगर हम सबकॉन्शियस
माइंड को प्रोग्राम करना चाहते हैं तो हमें रेगुलर मेडिटेशन करना होगा, रेगुलर मेडिटेशन करने से
जो हमारा सबकॉन्शियस माइंड है वो मजबूत और एक्टिवेट हो जाता है जिससे हम अपने
अंदर के खजाने से बातचीत करने लगते हैं। और हमारे इमोशंस को हम कंट्रोल करने लगते हैं।

अगर आप इस ब्‍लॉग का विडियों देखना चाहतें है और (ईमोशन) को समझना चाहता है तो निचें दिये गए लिंक पर क्लिक करें ||  

 

https://youtu.be/_IZa3KfNnAc

THANK’S FOR READING
#GO FOR SUCCES#
 

Leave a comment