समाज में लड़कियों के प्रति क्या सोच है? : आज हम एक और इंपॉर्टेंट टॉपिक पर बात करने वाले हैं,
यह समाज हमें कहां से कहां ले जा रहा है, यह समाज में शुरू से बताते
आ रहा है कि इस समाज में लड़कों की इंपॉर्टेंस ज्यादा है और लड़कियों इंपोटेंसी
बहुत कम है। इसलिए समाज में बहुतसारे ऐसे काम हैं, जो लड़के करे तो बहुत
अच्छा है लेकिन लड़कियां करे तो बहुत गलत हैं,
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DRx DEVESH PAL |
Discussion On Topic : समाज में लड़कियों के प्रति क्या सोच है?
तोदोस्तों आज हम एक और इंपॉर्टेंट टॉपिक पर बात करने वाले हैं, यह समाज हमें कहां
से कहां ले जा रहा है, यह समाज में शुरू से बताते आ रहा है कि इस समाज में लड़कों
की इंपॉर्टेंस ज्यादा है और लड़कियों इंपोटेंसी बहुत कम है। इसलिए समाज में बहुत
सारे ऐसे काम हैं, जो लड़के करे तो बहुत अच्छा है लेकिन लड़कियां करे तो बहुत गलत हैं,
जैसे अगर कोई लड़का किसी लड़की को दोस्त बनाता है तो यह बहुत अच्छी
बात है, लेकिन कोई लड़की किसी लड़के को दोस्त बनाए तो यह बहुत गलत बात है, किसी
लड़के की गर्लफ्रेंड हो तो यह बहुत अच्छी बात है लेकिन किसी लड़की
का बॉयफ्रेंड हो तो यह बहुत गलत बात है।
समाज में जब लड़के लव मैरिज करते हैं तो उनके पेरेंट्स बहुत खुश होते हैं, लेकिन
जब लड़की लव मैरिज करती है तो पैरेेन्ट्स को बहुत दुख होता है। लड़कियां अपने
शहर से बाहर कहीं पर भी घूमने जा सकते हैं, लेकिन लड़कियां अपने
घर से बाहर घूमने भी नहीं जा सकती।
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हर कोई भाई चाहता है कि उसकी एक सुंदर गर्लफ्रेंड हो, लेकिन कोई
भाई यह नहीं चाहता कि उसकी बहन का एक अच्छा बॉयफ्रेंड हो। पेरेंट्स सोचते हैं कि जब
उनका लड़का लव मैरिज करेगा तो वो बहुत खुश होंगे, लेकिन वो अपनी
लड़की की लव मैरिज के बारे में तो सोच भी नहीं सकते, वह अपने बेटीयों से हमेशा
कहते कि बेटा अरेंज मैरिज ही करनी है। वहां उसके लिए एक लड़का देखते हैं और
उसे मात्र 5 मिनट देते हैं अपना लाइफ पार्टनर चूस करने के लिए, अभी इस 5 मिनट
में उस लड़की को डिसाइड करना है कि उस अनजान व्यक्ति के साथ,
और उस \अनजान फैमिली के साथ उसे आने वाली लाइफ बितानी है या नहीं बितानी है।
अगर उसका आंसर हां होता है तो अब आगे लाइफ में आने वाली जितनी भी प्रॉब्लम
होगी वो उसे ही फेस करनी है, और अब ऐसे ही घुट घुट के उसे से जीना है।
लेकिन कुछ फैमिली ऐसी भी है हमारे समाज में, जो लड़कियों को 5 मिनट
भी नहीं देती है अपना लाइफ पार्टनर चूस करने के लिए और उसे सौंप दिया
जाता है एक अनजान व्यक्ति के हाथों और एक अनजान फैमिली के हाथों में।
हमारे देश में अधिकतर लड़के काम पर जाते है इसलिए मेहनती होते हैं, लेकिन
अधिकतर लड़कियां हाउसवाइफ होती है तो अधिकार काम होता नहीं लेकिन फिर
भी लड़कों की कंपैरिजन में लड़कियां ज्यादा बीमार होती है।
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इसका रीजन यह है कि लड़कियां अपनी लाइफ खुलकर कभी जी नहीं पाती है,
जिसके कारण वह मेंटल लेवल पर बीमार हो जाती है और मेंटल लेवल पर बीमार
होने के कारण उसे बहुत सारी शारीरिक बीमारियां हो जाती है। तो हमें थोड़ी सी
अपनी सोच बदलने की जरूरत है, की लड़कियां भी इंसान है उनकी भी लाइफ है,
उनकी भी फीलिंग है, उनका भी मन होता है खुश होने का, उनका भी
मन करता है कि वह बाहर घूमने जाए, खुश होए तो थोड़ा सा हमे बदलने की जरूरत है
हमें समझना होगा कि समाज में जितनी जरूरत लड़कों की है
उतनी ही जरूरत लड़कियों की भी है।
लड़कियों को लेकर जो भी हमारी सोच थी या है, वह पुराने लोगों ने बनाई थी, क्योंकि
पहले के लोग चाहते ही थे कि लड़कियां लड़कों के आगे ना बढ़ पाएं पहले लड़कियों
को जींस टॉप पहनना अलाउड नहीं था या तो उन्हें साड़ियां पहननी पढ़ती थी या
सलवार सूट पहना पड़ता था, वह छोटे बाल नहीं रख सकती थी
उन्हें बड़े बाल ही रखना पड़ता था, उन्हें भारी भारी गहने ही पहनने पड़ते थे।
तो कभी सोचा ऐसा क्यों? क्योंकि पहले के लोग चाहते ही थे कि लड़कियां कभी
आगे नहीं बढ़ पाए, वह ऐसे कपड़े पहने की वह भाग ना सके, उनके बाल इतने लंबे
रखाये जाते थे कि उन्हें संभालने में ही समय चला जाता था, उन्हें भारी भारी गहने
इसीलिए पहनाए जाते थे ताकि वह प्रॉपर तरीके से चल ना पाए।
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लेकिन आज हमारे समाज में बहुत सारे लोगों की सोच बदली है इसलिए हमारे समाज में
आज लड़कियां बड़े-बड़े काम कर रही है, लेकिन सभी लोगों को सोच बदलने की
जरूरत है और समझने की जरूरत है कि इस समाज में जितनी लड़कों की
जरूरत है उतनी ही लड़कियों की भी जरूरत है। लड़कियों को आगे बढ़ने में हमें
मदद करनी है और साथ में मिलकर काम करना है तभी हम भी अपने लाइफ में आगे
बढ़ पाएंगे, हमारा समाज भी आगे बढ़ पाएगा, और हमारा देश भी आगे बढ़ पाएगा।