Memory Mind मे है या Brain मे ?

Memory Mind मे है या Brain मे ? : जो मेमोरी होती है

वह mind में होती है या ब्रेन में होती है आप बहुत सारे लोगों का डाउट यह होगा कि सर brain और

mind तो एक ही होता है नहि ब्रैन और mind मे अंतर होता है 

Memory Mind मे है या Brain मे ?
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Memory Mind मे है या Brain मे ?

तो दोस्तों आज हम एक और इंपॉर्टेंट टॉपिक पर बात करने वाले हैं की मेमोरी माइंड में

स्टोरेज होती है या ब्रेन में दोस्तों आज हम समझने की कोशिश करेंगे कि जो मेमोरी होती है

वह mind में होती है या ब्रेन में होती है आप बहुत सारे लोगों का डाउट यह होगा कि सर brain और

mind तो एक ही होता है नहि ब्रैन और mind मे अंतर होता है अभी हम समझने की कोशिश करते हैं

की मेमोरी होती कहा है पिछले टॉपिक में हमने बात की थी कि जो थॉट्स है

वह फाइव सेंसेस के द्वारा हमारे mind में आते हैं

Mind layer –

Memory Mind मे है या Brain मे ?
                                                   mind ||

 

तो दोस्तों यह जो mind होता है इसकी दो लेयर होती है एक होता है कॉन्शियसमाइंड और

दूसरा होता है सबकॉन्शियस माइंड तो यह जो कॉन्शियस माइंड हैइसमें भी बहुत सारी

लेयर्स होती है और यह जो सबकॉन्शियस माइंड है इसमें भी बहुत सारी लेयर्स होती है

दोस्तों अपने कई बार देखा होगा कि अगर कोई आपसे कुछ कहता है तो आपको एक

दिन तक याद रहता है और फिर आप भूल जाते हो कुछ बातें आपको कुछ दिन तक याद

रहती है और फिर आप भूल जाते हो और कुछ बातें ऐसी रहती है जो आपको लाइफटाइम

याद रहती है तो यह होता कैसे हैं तो यह होता ऐसे है कि यह जो फाइव सेंसेज

है इसके द्वारा data आता है हमारे कॉन्शियस माइंड में कॉन्शियस माइंड में वहां

आता है तो होता यह है कि वह केवल c1 तक आता है और उसके बाद फिर वहां डिलीट

हो जाता है याद रखो जो हमारा कॉन्शियस माइंड है वह ऑटो डिलीट मोड पर होता है जैसे

कि अगर मैं बात करूं तो आपने बहुत सारे केमरा देखे होंगे जिसमें डेटा 10 या 15 दिन में

ऑटोमेटिक डिलीट हो जाता है इस प्रकार हमारे mind में भी आप देखो अगर आप जैसे

ही ऑफिस के लिए घर से निकलते हो तो रास्ते में कितनी सारी बसें दिखती है बहुत सारे लोग

दिखते हैं तो बहुत सारा डाटा हमारे mind में जाता है लेकिन सारा

डाटा हमें याद नहीं रहता हम भूल जाते हैं

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कई बार आप अपने दोस्त से मिलते हो एक-दो घंटे बात करते हो तो उसमें भी कुछ

परसेंट बातें ही आपको याद रहती है बाकी सब डिलीट हो जाती है, तो यह कैसे होता है, देखो थॉट

तो आपकी कॉन्शियस माइंड तक गया लेकिन कुछ डाटा c1 तक पहुंचा कुछ डाटा C2 तक

पहुंचा कुछ डाटा C3 तक मतलब यह की कुछ डाटा आपको एक दिन याद रह सकता है कुछ

 दो-तीन दिन रह सकता है कुछ डाटा महीना तक और कुछ डाटा

सालों तक और कुछ डाटा पूरे लाइफ तक आपको याद रह सकता है

Data Subconscious Mind तक कैसे जाता – 

Data Enter In Subconscious ||
                                      data Enter In Subconscious ||

 

अगर आप समझने की कोशिश करें तो आपके जो क्लासमेट्स होते हैं बहुत सारे स्टूडेंट होते

बहुत सारे लोग होते हैं लेकिन उसमें से कुछ लोग ही आपको याद रहते हैं बाकी लोगों को हम

भूल जाते हैं हो सकता है कि कुछ के चेहरे आपको याद हो लेकिन नाम तो बिल्कुल नहीं पता रहता

और हो सकता है कि आपको ना चेहरे याद होना नाम आप बिल्कुल पूरी तरह से भूल गए हों

और इसी के साथ कुछ दोस्त आपके ऐसे रहते हैं जो आपके पूरे लाइफटाइम याद रहते हैं और

स्कूल में जो जो मस्ती की है आपको सब याद रहती है तो ऐसा क्यों होता है तो ऐसा इसलिए होता

है क्योंकि कॉन्शियस माइंड से डाटा सबकॉन्शियस माइंड तक पहुंच जाता है यह कैसे पहुंचता है

तो होता क्या है कि जब किसी थॉट को या किसी बात को हम बार-बार अपने मन में डालते हैं तो

वह सबकॉन्शियस माइंड तक पहुंच जाता है सबकॉन्शियस माइंड में जाने के बाद भी वहां S1 S2 S3

बहुत deep में जाने के बाद हमें लाइफ टाइम तक याद रहता है जैसे के घर में बात करूं अगर आप

आपके घर वालों को बचपन से देखते आ रहे हो तो उनको आप कभी नहीं भूल पाओगे या आप देखो

अगर हम गांव में पहले बड़े हो और जॉब करने आप विदेश में चले गए और आपको 10 से 20 साल

हो गए आप गांव नहीं आए तुम गांव की जो कुछ रास्ते होते हैं कुछ पकड़ंदिया रहती है वह आपको

अभी तक याद है आप बिल्कुल नहीं भूलते हो तो दोस्तों जो भी डाटा है जो भी बातें हमारे

सबकॉन्शियस माइंड की डीप लेवल में जाकर स्टोर हो जाता है उसी को हम कहते हैं मेमोरी यादे कहते है।

इमोशनली बातें सबकॉन्शियस माइंड जल्दी पहुंचती है –

Memory Mind मे है या Brain मे ?
                                           Emotions ||


तो दोस्तों अगर मैं बात करूं तो सबकॉन्शियस माइंड में बहुत जल्दी वह बातें पहुंचती है जो इमोशनली

कनेक्ट होती है जैसे आप अपने दोस्त से सुख दुख की बातें शेयर कर देते हो तो वह बातें आपको याद

रहती है अगर आपने किसी शादी में बहुत इंजॉय किया तो आपको शादी याद रह जाती है किसी ने

अगर आपको बहुत ज्यादा दुख पहुंचा तो आपको दुख वाली बातें ज्यादा याद रह जाती है

तुझे इमोशनली बातें होती है वह अधिकतर हमारे सबकॉन्शियस माइंड तक पहुंचती है और

वही मेमोरी कहलाती है तो यह तो हमको समझ में आ गया की मेमोरी माइंड में होती है या

ब्रेन में होती है जो हमारे टॉपिक है, तो आप बहुत सारे लोगों का क्वेश्चन होगा की सर हमने

तो शुरू से पढ़ा है की मेमोरी जो होती है वहां ब्रेन में होती है।

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अब इसमें कुछ लोग मुझे उदाहरण

भी बता देंगे कि सर कई बार होता यह है कि अगर कहीं एक्सीडेंट हुआ है किसी व्यक्ति

का तो उसके ब्रेन के डैमेज होने की वजह से उसकी मेमोरी चली जाती है तो इसका मतलब

देखिए ना सर की जो मेमोरी है वहां तो ब्रेन में ही है क्योंकि जब ब्रेन डेमेज होता है तो मेमोरी

चली जाती है, तो नहीं दोस्तों ऐसा बिल्कुल नहीं है देखो जो मेमोरी है वह mind में है लेकिन

जो हम सोचते हैं जो हमने आज तक पढ़ा है की मेमोरी जो है वह ब्रेन में होती है तो दोस्तों याद

रखो की जो मेमोरी होती है वह होती है हमारे सबकॉन्शियस माइंड है लेकिन जो हमारे थॉट होते हैं

उनका अरेंज होने का काम कहां होता है तो वह होता है ब्रेन में जिसको हम लोग इंडेक्स

कहते हैं, क्या आपने कभी कोई किताब पढ़ी है किताब में बहुत सारा डाटा होता है लेकिन

उसके फ्रंट पेज में एक इंडेक्स बना होता है की कौन सी चीज कहां होगी कि चैप्टर में क्या-क्या दियाहै

Data Indexing –

Data Indexing ||
                                    Data Indexing ||

 

तो दोस्तों यह जो इंडेक्सिंग होती है यह कहां होती है यह होती है हमारे ब्रेन में

तो दोस्तों होता क्या है कि कई बार इंजरी होती है तो ब्रेन

डैमेज हो जाता है तो याददाश्त चली जाती है याददाश्त जाने का मतलब

सारी यादें भूल जाना तो अब इसका मतलब यह तो बहुत सारे लोग बोलेंगे

कि कर देखो सिद्ध हो गया की मेमोरी जो है ब्रेन में

ही होती है, तो देखो मैं आपको समझता हूं कि कई बार याददाश्त जाने के

बाद याददाश्त वापस भी आती है तो दोस्तों मुझे बताओ कि अगर

मेमोरी ब्रेन में होती तो वापस कैसे आती क्योंकि ब्रेन तो डैमेज

हो गया तो अगर याददाश्त वापस आती है तो उसे इंसान को सब याद भी आने

लगता है उसे सारी यादें याद आती है तो ऐसा इसलिए क्योंकि मेमोरी

कहां है हमारे सब कॉन्शियस माइंड में दोस्तों मैं आपको

बताया था कि सबकॉन्शियस माइंड एक सॉफ्टवेयर है यह एक एनर्जी है

इसको कोई नहीं मार सकता यह कभी डैमेज नहीं होता है, तो दोस्तों जैसे ही

ब्रांड डैमेज हुआ इंडेक्सिंग खराब हो गई, यह जो डाटा

इंडेक्स था कि कौन कहां रहता है कौन किसका क्या है कौन मेरा

भाई है बहन है तो यह इंडेक्स खराब हो गया था यह बिल्कुल पता

नहीं था लेकिन जैसे ही याददाश्तरिटर्न आती है तो मेमोरी रिटर्न

वापस आ जाती है और उसे सारी चीज याद आ जाती है तो

इन चीजों से हमें साफ समझ आ गया की मेमोरी जो होती है वह कहां

होती है mind में होती है ना की ब्रेन में

Examples – 

Dream ||
                                                    DREAM ||

 

तो दोस्तों अभी भी आपको समझ में नहीं आया हो तो मैं आपको और कुछ एग्जांपल से समझाता

हु दोस्तों हमारे जो ड्रीम होते हैं आप देखो जब आप सो जाते हो यह तभी आते हैं तो याद रखो कि

जब हम लोग सो जाते हैं तब हमारा ब्रेन काम नहीं करता है ब्रेन का काम क्या होता है पता है

आपको जैसे अगर मेरी इच्छा कि अभी मुझे किताब पढ़नी चाहिए तो दोस्तों इच्छा कहां हुई mind

में अब mind सिग्नल देगा किसको ब्रेन को और ब्रेन सिग्नल देगा मेरे बॉडी को मैं जाऊंगा और

किताब उठाकर लौंग और पढ़ने लगूंगा लेकिन नींद में तो हम ऐसी कोई चीज नहीं उठाते इसका

मतलब होता क्या है कि नींद में हमारा जो ब्रेन है वह भी सोया हुआ होता है लेकिन जो हमारा

सबकॉन्शियस माइंड है वह काम करता है और यह काम करता है ऑटोमेटेकली नींद में हमारी सांसे

चलती है हमारा ब्लड फ्लो होता है और हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम भी चलता है तो अपने आप

जो चीज होती है वह होती है सबकॉन्शियस माइंड से तो इसका मतलब क्या हुआ कि जब हम सोए

हुए हैं तब हमारा सबकॉन्शियस माइंड काम कर रहा है और हमारा ब्रेन काम नहीं कर रहा है

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तो दोस्तों आप देखोगे आपको जो सपने आते हैं और अगर आप उनको ध्यान से ऑब्जर्व करो तो

आप देखोगे कि आपको सपने आते कैसे हैं जो आप दिन भर देखते हो सुनते हो जितना ज्यादा

समय जहां बिताते हो वैसे ही आपको सपने आते हैं यह लाइफ में आपने कभी किसी चीज के बारे

में सोचा हो जैसे मुझे लाइफ में यह कर चाहिए वह कर चाहिए मुझे बांग्ला चाहिए तो वही सपनों

में आपको दिखता है आपको कभी ऐसे सपने नहीं आएंगे जो चीज आपने कभी देखी ही नहीं जैसे

कोई अदर कंट्री के ऐसी चीजों के जो आपने कभी देखी ना हो और नहीं आप कभी उन्हें जानते हो

तो दोस्तों इसका सीधा-सीधा मतलब है कि जो सपने आते हैं वह हमारे मेमोरी से आते हैं हमारी मेमोरी

में जैसा डाटा होता है वैसे ही सपने आते हैं तो दोस्तों अब यह सिद्ध हो गया कि जो सपने हैं वह कहां

से आ रहे हैं mind से क्यों mind से आ रहे हैं क्योंकि मेमोरी यहां है तो यहां यह सिद्ध हो

गया की मेमोरी माइंड में है क्योंकि अगर मेमोरी ब्रेन मे मेमोरी होती

तो नींद में तो यह काम करता नहीं तो फिर सपने आते नहीं ।

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चलिए एक और एग्जांपल के थ्रू समझते हैं हम बात करते हैं कोमा की तो दोस्तों

जब इंसान कोमा में जाता है तो ब्रेन डेड हो जाता है ब्रेन काम नहीं करता लेकिन फिर

भी इंसान जिंदा रहते हैं कैसे क्योंकि उसका डाइजेस्टिव सिस्टम काम करता है उसका

ब्लड फ्लो होता है सांसे चलती है तो यह कैसे होता है तो यह होता है सब कॉन्शियस

माइंड से मतलब कि इंसान जब कोमा में भी है जब उसका ब्रेन काम नहीं कर रहा है

लेकिन ब्रेन dead हो गया है फिर भी सबकॉन्शियस माइंड काम करता है, कुछ लोगों

का मानना है कि ब्रेन में मेमोरी है तो अगर ब्रेन डैमेज हो गया है तो मेमोरी भी डैमेज

हो जानी थी पर ऐसा नहीं होता जैसे ही इंसान कॉम से बाहर आता है इसकी मेमोरी

भी वापस आ जाती है तो ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि मेमोरी

जो है वह कहां है सबकॉन्शियस माइंड में ।

Example Of Electric Shock –

ELECTRIC SHOCK ||
                                               ELECTRICK SHOCK ||

हम एक और एग्जांपल लेते हैं इलेक्ट्रिक शॉक का क्या होता है कई बार जब पागलपन

के दौरे पड़ते हैं तो इंसान खुद से ही बातें करने लगता है खुद से ही अकेले में बड़बड़

आता है तो उसे इलेक्ट्रिक शॉक दिए जाते हैं इलेक्ट्रिक शॉक से होता क्या है कि जो डाटा

mind में बहुत ज्यादा भर जाता है उसे डिलीट किया जाता है मतलब की जो उसका इंडेक्स

था उसे थोड़ा खराब कर दिया जाता है तो फिर वहां अपने आप बातें कम करने लग जाता है

लेकिन कुछ समय बाद क्या होता है इलेक्ट्रिक शॉक देने के बावजूद भी डाटा और इंडेक्स

फिर से बन जाता है और वहां फिर से बड़बड़ाने लगता है, इसलिए जो साइको वाले पेशेंट

होते हैं पागलपन वाले पेशेंट होते हैं उन्हें बार-बार शॉक दिया जाता है ।

Rebirth ( पुनर्जन्म ) Example –

एक और एग्जांपल देखते हैं हम लोग पुनर्जन्म कई बार आपने देखा होगा कि लोगों

को अपने पहले के जन्म की बातें याद रहती है तो यह कैसे होता है तो मैंने आपको

अभी-अभी बताया कि ब्रेन में मेमोरी नहीं है मेमोरी कहां है सबकॉन्शियस माइंड में

तो उसे व्यक्ति की जो पहले जन्म में मर चुका है जिसकी बॉडी खत्म हो चुकी है लेकिन

जब उसका अगला जन्म हुआ तो उसका mind वही की वही है और

उसे मन में जितनी भी मेमोरी है वह उसे अभी भी याद है ।

इसके बाद हम बात करते हैं श्री कृष्ण जी के बारे में तो श्री कृष्णा वाला सीरियल तो आपने

देखा ही होगा या फिर भागवत गीता में जो बताया गया है तो आपको समझ में आएगा कि

श्रीकृष्ण ने जो थे विष्णु जी का अवतार थे तो श्री कृष्णा जो थे उन्होंने विष्णु जी का अवतार लिया

था तो उन्हें श्री कृष्णा वाले अवतार की भी सारे बातें याद है और विष्णु जी के अवतार वाली

भी सारी बातें याद है और राम जी का जो अवतार लिया था उसकी भी सारी बातें याद है और

भी बहुत सारे जन्म लिए उनका भी सब कुछ याद है तो यह कैसे यह इसीलिए

क्योंकि मेमोरी हमारे subconscious mind में है।

 

तो अगर आप इस ब्लोग का वीडीयो देखना चाहते है

और Memory Mind मे है या Brain मे ? को

समझना चाहते हो तो नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करे –

https://youtu.be/kv_rzqbm61s?si=CE5veNanRTg4XjbD

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