Thought Mastery Part – 1What is thought ? थॉट्स जो है नेचर की सबसे पावरफुल एनर्जी होतीहै इन थॉट्स के वजह से ही हम अपने वर्क को बहुत ज्यादा बढ़ा सकते हैं याबहुत ज्यादा काम कर सकते हैं जिसके पास थॉट्स पावर होती है वहबहुत ज्यादा काम कर लेता है
तो दोस्तों आज मेरे को इंपॉर्टेंट टॉपिक पर बात करने वाले हैं थॉट mastery के ऊपर तो इसमें हम थॉट्स को समझने
की कोशिश करेंगे की थॉट्स होते क्या है यह आते कहां से हैं और कैसे काम करते हैं
what is thought ?
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तो दोस्तों इसमें हम सबसे पहले समझते हैं कि थॉट होते क्या है what is thought ?
तो दोस्तों ऐसा बोला जाता है कि थॉट्स जो है नेचर की सबसे पावरफुल एनर्जी होती
है इन थॉट्स के वजह से ही हम अपने वर्क को बहुत ज्यादा बढ़ा सकते हैं या
बहुत ज्यादा काम कर सकते हैं जिसके पास थॉट्स पावर होती है वह
बहुत ज्यादा काम कर लेता है और जिसके पास थॉट्स की एनर्जी बहुत
कम होती है वहां बहुत कम काम करता है, जैसे अगर मैं बात करूं कि
आपने रात को ही सोच लिया कि मुझे कल सुबह उठकर बहुत सारा काम
करना है बहुत एनर्जेटिक होकर काम करना है और सुबह होता क्या
है कि आपका एक दोस्त आता है और वह ऐसी नेगेटिव बात बोल देता
है जिसकी वजह से आपके ब्रेन में नेगेटिव थॉट्स जाते हैं और आपका
पूरा दिन खराब हो जाता है, तो इसलिए ऐसा माना जाता
है कि थॉट नेचर की पावरफुल एनर्जी होती है
थॉट्स हमारे लाइफ को सेफ देने का काम करते हैं-
इसके बाद हम बात करें तो थॉट्स जो है हमारे लाइफ को सेफ देने का
काम करते हैं मतलब की जो हमारा जीवन है उसको एक आकार देने का
काम करते हैं जैसे अगर हमारे मन में नेगेटिव थॉट्स होंगे तो हम नेगेटिव
व्यक्ति बन जाएंगे और अगर हमारे मन में पॉजिटिव थॉट होंगे तो हम
पॉजिटिव व्यक्ति बन जाएंगे, और क्या आपको पता है कि जो व्यक्ति
पॉजिटिव होता है वह अच्छे काम करता है और वहां बहुत
जल्दी अपने लाइफ में सक्सेस हो जाता हैं
थॉट्स कितने पावरफुल है-
इसके बाद हम बात करते हैं कि थॉट्स कितने पावरफुल है तो इन्हें हम
कुछ एग्जांपल्स के थ्रू समझते हैं तो पहले तुम बात करते हैं स्वामी विवेकानंद
जी की स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है कि जैसे थॉट्स होते हैं वैसे ही हम
होते हैं इसीलिए एक थॉट को पकड़ो और उसमें अपना जीवन बना लो जैसे
अगर आप कोई डॉक्टर बनना चाहते हो तो आपको उसे थॉट को पकड़ कर
रखना होगा उसे थाट से भट्ट को मत जब तक आप डॉक्टर नहीं बन जाते
हो अगर आप इंजीनियर बनना चाहते हो तो केवल इंजीनियर बनने पर ही
फोकस करो लेकिन आज की इस दुनिया में ऐसा हो गया है कि कभी हम
डॉक्टर बनने की सोचते हैं तो कभी हम इंजीनियर बनने की सोचते हैं फिर
हमको कुछ नया ट्रेंड दिखता है तो हम उन चीजों की ओर दौड़ जाते हैं इसलिए
थॉट्स हमें जो है हमेशा बदलते रहता है इसलिए हमेशा
एक थॉट को पकड़ो और उसी में अपने जीवन बिताने की सोचो
थॉमस अल्वा एडिसन-
इसके बाद हम बात करते हैं थॉमस अल्वा एडिसन, थॉमस अल्वा एडिसन जब स्कूल जाया
करते थे तो तब वह बहुत ही मंदबुद्धि थे और स्कूल से उनकी माता को एक लेटर लिखा गया
और बोला गया है कि आपका जो बच्चा है वह बहुत ही ज्यादा मंदबुद्धि है हमारे स्कूल इस
बच्चे को आगे नहीं पढ़ा सकता तो उनकी जो मदर है उनकी जो मन है उन्होंने उसे बच्चों से
कहा कि बेटा तुम बहुत इंटेलिजेंट हो और यह स्कूल तुम्हें पढ़ने के लायक नहीं है
तो यह पॉजिटिव थॉट उनकी माता ने उनके mind में डाल दिया अब थॉमस अल्वा
एडिसन को तो यही लगा कि वह तो बहुत इंटेलिजेंट व्यक्ति है इसलिए उन्होंने सोचा
कि आप उन्हें कुछ यूनिक और पावरफुल करना है क्योंकि मैं तो बहुत इंटेलिजेंट हूं
और ऐसा हुआ भी थॉमस अल्वा एडिसन ने एक बल्ब का आविष्कार किया वह बहुत
बार कई बार फेल हुई है लेकिन उनका जो ब्लैक सिस्टम था कि वह
बहुत इंटेलिजेंट है इस बिलीफ सिस्टम ने उनसे बल्ब का आविष्कार कर दिया
सोसाइटी एग्जांपल
इसी प्रकार हम अपने सोसाइटी में बहुत सारे एग्जांपल देखते हैं मैं अगर
एक उदाहरण की बात करूं तो, एक माता को एक पंडित जी ने कहा कि तुम्हारा
बच्चा बिल्कुल मंदबुद्धि है इसको अब स्कूल मत भेजो इसे स्कूल भेजने से तुम्हारा
कोई फायदा नहीं होगा और उनके पैरेंट्स ने किया भी ऐसा ही उसे बिल्कुल
स्कूल नहीं भेजा और वह लड़का आज भी मंदबुद्धि है उसके माता-पिता ने उसके
दिमाग में यही थॉट डाल दिया था कि वहां मंदबुद्धि है तो वहां फिर मंदबुद्धि ही
बन गया लेकिन थॉमस अल्वा एडिसन के दिमाग में यह थोड़ा डाला गया कि
तुम बहुत इंटेलिजेंट हो इस वजह से वहां बहुत इंटेलिजेंट बन गए।
तो इस बात से हमें यह समझ आता है कि जैसे थॉट्स हम अपने मन में
डालते हैं हम वैसे ही बन जाते हैं, तो दोस्तों हम समझ चुके हैं कि थॉट
कितना पावरफुल है और हमारे लाइफ को डायरेक्शन देने का काम
करता है अब हम बात करते हैं कि थॉट्स है क्या थॉट्स होता क्या है?
What is Real Love ?
दोस्तों थॉट जो है एक प्रकार का एक शब्द एक शब्द है बिना बोले हम
थॉट नहीं ला सकते अपने mind में जैसे अगर मैं बोलता हूं आम, जाम,
केला, संतरा तो जैसे ही मैं यहां कह रहा हूं तो हमारे मन में इन सब की
इमेज बनने लगती है, जैसे ही कोई शब्द आप अपने mind में कहोगे तो
वैसे ही थॉट हमारे mind में आ जाते हैं तो दोस्तों याद रखो कि जैसे ही मैंने
कहा आम जाम केला संतरा तो यह थॉट्स हमारे mind में लिखकर नहीं
आए यहां एक पिक्चर के रूप में एक इमेज के रूप में आए तो हम समझ
गए की थॉट क्या है
एक शब्द है कि जब तक कि हम अपने आप से कुछ
कहेंगे नहीं हमारे मन में थॉट्स आई ही नहीं सकते लेकिन जब हम अपने
आप से कुछ कहते हैं या दूसरा कोई व्यक्ति हमसे कुछ कहता है तब हमारे
मन में वह शब्द जाते हैं और वह किस रूप में रिप्रेजेंट होते हैं
तो वह एक पिक्चर और एक इमेज के रूप में रिप्रेजेंट होते हैं
थॉट पिक्चर के रूप में दिखाई देते हैं
इसके बाद हम लोग बात करते हैं तो हम लोगों ने देखा कि जो word है जो
शब्द है वही थॉट है और वह हमें किस रूप में दिखाई देते हैं तो वह हमें पिक्चर
के रूप में दिखाई देते हैं, लेकिन बिल्कुल भी ऐसा नहीं है मतलब की हर कोई
शब्द थॉट नहीं हो सकता जैसे आम, जाम, केला मैंने बोला तो आपके mind में
थॉट आया लेकिन अगर मैं दूसरे कुछ शब्द कहता हूं तो आपके mind में कोई
थॉट नहीं आएगा जैसे की पितृनसों, क्वार्टीएम, रिरेंशियम यह एक रेंडम शब्द मैंने
आपसे बताएं तो इन शब्दों से आपके मन में कोई थॉट आए नहीं आए क्योंकि
यह जो थॉट है ऐसा नहीं कि मैं शब्द नहीं कहें मैंने शब्द कहे लेकिन इन शब्दों
के थॉट आपके मन में नहीं आए, अब आप बोलोगे ऐसा क्यों तो याद रखो कि
जो शब्द है जो थॉट के रूप में हमारे mind में आते हैं वह हमारे mind में तभी
आएंगे जब उन थॉट्स की मेमोरी हमारे मन में होगी मेमोरी का मतलब यादें
अगर आपने आम जाम कला कभी नहीं सुना होता कभी नहीं देखा होता तो
आपके मन में इसको लेकर कोई थॉट नहीं आता लेकिन इन सब की मेमोरी
आपके mind में पहले से फिट है तो जैसे ही कोई शब्द आपके mind में
आएगा फिर इसके बाद मेंटल प्रक्रिया होगी फिर जैसे ही मेंटल प्रक्रिया होगी
उसके बाद आपके मन में थॉट आ जाएगा और उससे रिलेटेड पिक्चर्स आपको दिखेंगे,
mind में बहुत सारी इनफार्मेशन आती है
अब आप बोलेगी कि यह mind में मेमोरी कहां से आती है कैसे आती है तो
यह हम आने वाले टॉपिक में क्लियर करेंगे लेकिन अभी हम बात करते हैं कि
यह शब्द (word) कहां से आया तो यह शब्द आता है लैंग्वेज से या कोई इनफॉरमेशन
से बचपन से हमारे mind में बहुत सारी इनफार्मेशन आती है सुबह जैसे ही
हम लोग उठते हैं टीवी है मोबाइल है बहुत सारे लोग हैं आस-पास बहुत सारे
झगड़ा हो रहे हैं तो किन सबसे बहुत सारी इनफार्मेशन हमारे mind में आती है
और जो लैंग्वेज है वहां बचपन से ही हमारे mind में फिट हो जाती है जैसे कि
हम लोग हिंदी बोलते हैं तो हमें हिंदी बहुत इजी तरीके से आती है जैसे के घर
में बात करूं mango बोल दिया मैंने तो आपको समझ आ जाएगा और भी कुछ
लोगों को समझ आ जाएगा किसी तरह अगर मैं प्याज बोलूं तो बहुत सारे लोगों
को समझ आएगा लेकिन अगर प्याज की जगह में कांदा बोलूं तो बहुत लोग
नहीं समझ पाएंगे बहुत लोगों के मन में इमेज आएंगे और
बहुत लोगों के मन में इमेज नहीं आएंगे
mind में स्टोरेज होना चाहिए
हम लोग यहां समझ चुके हैं कि थॉट जो है एक शब्द है एक word है और जो
थॉट है वहां पिक्चर के रूप में हमारे mind में आता है लेकिन जो हर कोई
शब्द है thought नहीं हो सकता थॉट जो होंगे वह शब्द होंगे लेकिन
वह शब्द पहले से हमारे mind में स्टोरेज होना चाहिए मतलब कि उसे
शब्द से रिलेटेड हमारे mind में मेमोरी होगी तब ही थॉट रिप्रेजेंट होंगे,
और जो शब्द है वह कहां से आएंगे तो वहां आएंगे किसी भी लैंग्वेज से
या फिर किसी भी इनफॉरमेशन से जैसे कि मैंने बताया कि अगर मैं mango
कहूं और किसी व्यक्ति के मन में मैंगो की इनफार्मेशन है तो
उसके mind में मैंगो की इमेज बनेंगी वही दूसरा व्यक्ति जो mango
को जानता ही नहीं जिसके दिमाग में mango को लेकर कोई
भी डाटा कोई भी मेमोरी नहीं है उसके दिमाग में mango को लेकर कोई इमेज नहीं बनेगी।
what is focus ?
एक और एग्जांपल से समझते हैं जैसे कोई एक पेड़ है आप ने अपनी
आंखों से उसे दिखा फिर आप उसे पेड़ के पास गए अपने नाक से सूंघने
की कोशिश की लेकिन फिर भी आपको समझ में नहीं आया कि
यह पेड़ किस चीज का है तो आपने वही एक सुंदर से किसी व्यक्ति
को पूछ लिया कि भाई साहब यह किस चीज का पेड़ है तो अब उसे
व्यक्ति ने आपको इनफॉरमेशन दी कि यहां तो नारियल का पेड़ है अब
जैसे ही उसे व्यक्ति ने इनफॉरमेशन दी तो आपके mind में process होंगी
और जैसे ही process होगी तो इसकी जो पिक्चर्स है नारियल के पेड़
की या तो इसकी पिक्चर्स बनेगी या फिर नहीं बनेगी, अगर आप इंडिया
से हो अपने नारियल का पेड़ देखा है पहले से आप जानते हो तो आपको
समझ आ जाएगा कि नारियल का पेड़ है, लेकिन कोई फॉरेनर है
जिसने नारियल का पेड़ आज तक नहीं देखा वह नारियल की सुगंध
भी नहीं जानता और ना ही उसे पेड़ को पहचानता है
तो ऐसे में उसके mind में कोई भी इमेज नहीं बनेगी l