किसी भी चेप्‍टर को पढ़ने का स‍ही तरीका क्‍या है ?

तो दोस्‍तो आज हम एक और इंम्‍पोर्टेंट टॉपिक पर बात करने वाले है कि किसी भी चेप्‍टर को पढ़ने का स‍ही तरीका क्‍या है? अगर हम लोगो ने इस बात को समझ लिया कि कीसी भी चेेेेप्‍टर को पढ़ने का सही तरीका क्‍या है,


 तो हम तो उस चेेप्‍टर पर हम मास्‍टरी हासिल कर लेंगे और किसी भी इग्‍जाम मे अगर उस चेेेेप्‍टर से कोई भी सवााल आया तो हम इसीली उसे साल्‍व कर लेेगे तो चलिए हम समझने की कोशिश करते है कि  किसी भी चेेेेप्‍टर को पढने का सही तरीका क्‍या होता है । तो चलिए शुरू करते है – 

Foundation/आधार तैयार करना
                                                                    किसी भी चेेेेप्‍टर को पढ़ने के लिए आपको सबसेे पहले आपको उस चेप्‍टर का Foundation/आधार तैयार करना है, और हम यही नही करते है स्‍टुडे़ट अधिकतर यही गलती करते है कि उस चेप्‍टर का Foundation तैयार ही नही करतेे है, अगर हम घर भी बनाते है तो पहले आधार तैयार करते है तो अब बात आती है की आधार कैसे तैयार करना है, तो सबसे पहले आपको ये राइट डाउन करना है कि उस चेप्‍टर मे कितने टाॅॅॅपिक हैै, तो हमेे एक पेन काॅपी लेना है,
 और उस चेप्‍टर के टॉपिक और सबटॉपिक लिख लेना है तो अब ये हमारे चेप्‍टर का Foundation तैयार हो जायेंगा तो अब इससे होगा ये कि जब आप चेप्‍टर देखो तो आपको ये पता चल जायेंगा कि आपकाेे कितना मटेरियल पढना है और कितना मटेरियल नही पढना है कितने दिन लगेंगे, कितना समय लगेंगा ये आपको पता चल जायेंगा । 

डिटैल स्‍टडी –
                        इसके आगे कि स्‍टेप की हम बात करे तो हमे करना ये है कि एक-एक टाॅॅॅपिक  काेे लेते हुुए पूरे चेप्‍टर की डिटैैल स्‍टडी करनी है । अब ये डिटैल स्‍टडी कैैैसे करनी है ? तो इस बारे मे पहले ही एक टाॅॅॅपिक मे बात कर चुुुके है उसका नाम है, हम पढ़ा़ई करे या स्‍टडी अगर आपने वो टॉपिक नही पढ़ा़ ये तो एक बार वो जरूर पढ़ेे, तो डिटैल स्‍टडी का मतलब ये की आप डिफरेंट सोर्स से डाटा कलेक्‍ट करे ।
रिडिंग / Reading                                                                                                                                                                  अब जब आप स्‍टडी कर लोंगे तो अब  आपको रिडिंग करना है बूूक उठाना है और उस चेप्‍टर की रिडिंग कर लेना है, बहुुत सारे लोग क्‍या करते है कि पहले रिडिंग करते है, मैने आपको पहले भी बताया था की जब भी हमारा माईंड किसी भी चीज का पहले बार पड़ता है तो वो  उसको उतने अच्‍छे से समझ नही आता है, तो इसलिए आपको सबसे पहले डिटैैल स्‍टडी करनी और फीर रिडिंग करना है

 अगर आप पहले रिडिंग करते है तो आपको 80-90% वो चेप्‍टर समझ ही नही आयेंगा और आप बोर हो जावोंगे और आपका पढ़ने मे मन नही लगेंगा और आप बोलेंगे की अब मै चेेेेप्‍टर ही छोड़ देता हॅुॅु तो इसलिए पहले आपको डिटैैल स्‍टडि करनी है और फिर रिडिंग करनी है, और जब आपने स्‍टडी भी कर ली और रिडिंग भी कर ली तो 

MCQ/QUESTION
                                 अब, आपको अगर आप कोई कोम्‍पेटेटीव ईग्‍जाम की तैयारी कर रहे है तो आपको उस चेप्‍टर के  MCQ लगाने है और अगर आप स्‍कूल या कॉलेज मे है तो आपको उस चेप्‍टर के  IMP  प्रश्‍न देख लेना है ।  
अगर आप कीसी काम्‍पेटेटीव ईग्‍जाम की तैयारी कर रहे है तो आपको MCQ कैसे लगाने है ? तो आपको करना ये है कि आपको उस चेप्‍टर के सारे MCQ लगा लेने है हम लोग क्‍या करते है की उस चेप्‍टर मे जीतने  MCQ होते है उतने ही MCQ लगाते है तो आपको ऐसा नही करना है आपको आपके पास उस चेप्‍टर से रिलेटेड जीतनी भी BOOKS है उन सारी BOOKS सेे आपको MCQ लगा लेने है, और अब आपको क्‍या करना है कि लास्‍ट 10 यीयर के  MCQ लगा लेनेे है अधिकतर स्‍टुडेंट ये नही करते है । इससे फायदा क्‍या होंगा कि लास्‍ट 10 यीयर से जो MCQ आ रहे हैं, तो आपको पता चल जायेंगा कि किस टॉपिक से कौन सा पार्ट इंपोर्टेंट है और कौनसा नही, अब जब आपने एमसीक्यू लगा लिया है तो
Summarize
                                उसके बाद आपको चैप्टर को समराइस करना है मतलब की संक्षेप में लिखना है, संक्षेप में लिखने का मतलब है की आपने जो एमसीक्यू लगाए हैं तो आपको पता चल जाएगा कि उस चैप्टर का कौन सा पार्ट इंपॉर्टेंट है और कौन सा पार्ट इंपोर्टेंट नहीं है, हो सकता है कि कोई पार्ट पहले इंपॉर्टेंट था लेकिन जैसे-जैसे समय आगे बढ़ रहा है वह पार्ट इंपॉर्टेंट नहीं है या फिर एैसा हो सकता है कि कुछ पार्टो से क्वेश्चन पहले नहीं आते थे लेकिन अब आ रहे हैं,
 तो आपको पता चल जाएगा, हो सकता है कि इस चैप्टर का वेटेज पहले कम था अब ज्यादा हो, तो यह एक्सपीरियंस आपको कहां से होगा, तो एमसीक्यू से होगा तो उसके अकार्डिग आप चैप्टर को समराइस कर लोगे। समराइज का मींस क्या है कि आप उस चैप्टर का इंपॉर्टेंट मटेरियल निकाल पाओगे, कि उस चैप्टर में इंपोर्टेंट मटेरियल क्या है, मतलब कचरा आप हटा दोगे । इसके बाद हम आगे बढ़े तो आपको समरी बनाने के बाद क्या करना है, तो

Shorts Notes

                         आपको शॉर्ट नोट बनाने हैं शॉर्ट नोट का मतलब यह नहीं कि आप बहुत सारा लिखो और बहुत मोटी मोटी बुक्स के शॉर्ट नोट बनाओ, 

  


शॉर्ट नोट का मीन शॉर्ट से शॉर्ट (Whithout Diagram) शॉर्ट नोट जब आप बना रहे हो तो उसमें डायग्राम नहीं होने चाहिए आपको कोई डायग्राम नहीं बनाने है क्योंकि डायग्राम पहले से आपके माइंड में है, अब आप यहां पर सिर्फ टर्मोलॉजी का यूज करोगे सिर्फ इंपॉर्टेंट चीजों का यूज करोगे, तो यह शार्ट नोट जो है जहां आप के आठ से 10 पेज लगते है पूरे चैप्टर को कंप्लीट करने में, शॉर्ट नोट बनाओगे तो A4 साइज के एक या दो पेज लगेंगे आपको तो वह एग्जाम के समय आप  ईजिली रीड कर पाओगे । तो आप शॉर्ट नोट बनाने के बाद आपको क्या करना है, आपको माइक्रो नोट्स बनाने हैं माइक्रो नोट्स का मतलब यह है कि ( Self understanding) मतलब यह नोट्स ऐसे होंगे कि जिससे सिर्फ और सिर्फ आप समझ पाओगे और कोई नहीं समझ पाएगा,

                                          तो उम्मीद है कि यह सारी चीजें आपको समझ आई होंगी तो अगर आप इन सारी चीजों को यूज करते हो तो आप किसी भी चैप्टर पर मास्टरी हासिल कर सकते हो।


तो अगर आप इस ब्‍लाॅॅग का विडियो देखना चाहते हैै तो नीचे दिए गए लिंक पर क्ल्कि करें – 
               THANKS FOR READING
   
                                       

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