Difference : In Happy And Unhappy People || समझने की कोशिश करते हैं, सबसे पहले हम अनहैप्पी लोगों के बारे
में बात करते है,ऐसे लोगों का ध्यान सिर्फ और सिर्फ अपने ऊपर रहता है ना तो ये लोगों के
फायदे के बारे में सोचते हैं और ना तो नुकसान के बारे में, ऐसे लोगों की थिंकिंग बड़ी नेगेटिव
होती है छोटी सोच होती है और जब भी इन्हें जिम्मेदारी मिलती है
Discussion On Topic – Difference : In Happy And Unhappy People ||
तो दोस्तों आज हम एक इंपॉर्टेंट टॉपिक पर बात करने वाले हैं की अनहैप्पी और हैप्पी लोगों में क्या अंतर होता है?
तो चलिए इसे समझने की कोशिश करते हैं, सबसे पहले हम अनहैप्पी लोगों के बारे
में बात करते है,ऐसे लोगों का ध्यान सिर्फ और सिर्फ अपने ऊपर रहता है ना तो ये लोगों के
फायदे के बारे में सोचते हैं और ना तो नुकसान के बारे में, ऐसे लोगों की थिंकिंग बड़ी नेगेटिव
होती है छोटी सोच होती है और जब भी इन्हें जिम्मेदारी मिलती है तो यह जिम्मेदारी से
भाग जाते हैं। अपनी लाइफ से कभी भी यह संतुष्ट नहीं रहते हैं इसलिए अपने लाइफ
में हमेशा दुखी रहते हैं अनहैप्पी रहते हैं।
अब हम लोग हैप्पी लोगों की बात करते हैं तो ऐसे लोग जो होते हैं वह हेल्पिंग नेचर के होते हैं,
समाज के लिए अपने लोगों के लिए कुछ ना कुछ काम करते ही रहते हैं हमेशा अपने फायदे के
बारे में नहीं सोचते हैं जिन लोगों की मदद करते हैं उनके फायदे के बारे में सोचते हैं और मन से
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बड़े ही शांत होते हैं इसलिए इन्हें बहुत कम गुस्सा आता है, बड़े ही फ्लैक्सिबल होते हैं
कितनी भी क्रिटिकल सिचुएशन आ जाए बड़े इजी तरीके से उसे सॉल्व कर लेते हैं और
बात करें तो बड़े अच्छे नेचर के होते हैं इसके बाद हम बात करें तो यह अपने लाइफ
में बड़े ही संतुष्ट होते हैं इसलिए अपने लाइफ में हमेशा खुश रहते हैं।
अब हमारे माइंड में क्वेश्चन आता है कि सर अगर हम हमेशा खुश रहना चाहते हैं तो हमें क्या करना होगा?
तो इसके लिए हमारा जो माइंड है उसे हैप्पीनेस के लिए प्रोग्राम करना पड़ेगा, ट्रेन करना पड़ेगा
अब यह कैसे करेंगे? तो इस ब्लॉग में हम बात करेंगे लेकिन आप मेरी यूट्यूब चैनल पर जाकर भी
इससे रिलेटेड वीडियो देख सकते हैं। तो चलिए समझने की कोशिश करते हैं तो हमारा जो माइंड होता है
वह अडॉप्टेबल होता है किसी भी कंडीशन को अडॉप्ट कर लेता है जैसे कि, अभी ठंड के दिन चल रहे थे तो
बहुत सारे लोग सुबह उठना तो चाह रहे थे लेकिन उठ नहीं पा रहे थे जिस कारण बहुत सारे लोगों
के काम अफेक्ट हुए है और नहीं भी हुए है।
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हमें भी अब हैप्पीनेस के लिए अपने माइंड को अडॉप्ट करना होगा मतलब कि ट्रेन करना
होगा इसके लिए हमेशा हमें पॉजिटिव बोलना होंगा जैसे कि मैं हमेशा खुश रहता हूं, और दूसरों को भी
खुश रखता हूं, इससे होंगा क्या कि हमारे माइंड की सिचुएशन बदलेंगी और वैसे ही
हमारी बॉडी की सिचुएशन भी बदल जाएंगी।
तो मेंटल लेवल पर कैसे काम करना है, कैसी स्टडी करना है, उससे रिलेटेड
तो अगर आप इस ब्लॉक का वीडियो देखना चाहते हो तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें –