एकांत मे कैसे रहे? : हम एक और इंम्पोर्टेंट टॉपिक पर बात करने वाले है
कि एकान्त की अवस्था यानी SOLITUDE की अवस्था मे कैसे रहे? तो कुछ टिप्स है
जिन्हें फोलो करके हम एकान्त की अवस्था मे रह सकते है
DRx DEVESH PAL |
Discussion On Topic : एकांत मे कैसे रहे?
तो दोस्तो आज हम एक और इंम्पोर्टेंट टॉपिक पर बात करने वाले है
कि एकान्त की अवस्था यानी SOLITUDE की अवस्था मे कैसे रहे? तो कुछ टिप्स है
जिन्हें फोलो करके हम एकान्त की अवस्था मे रह सकते है –
1). खुद के साथ अकेले समय बिताकर –
खुद के साथ अकेले समय बिताकर हम लोग एकान्त की अवस्था मे रह सकते है, हम
लोग उदाहरण स्वामी विवेेकानन्द जी का व बुुद्ध जी का ले सकते है इन्होने एकान्त मे
इतना ज्यादा समय बिताया जिसके कारण ये मन से बिल्कुल शांत थें और इनका औरा
यानी आभामण्डल बहुुत स्ट्रांग था। अब हमारे माईंड सवाल आता है कि
सर ये औरा क्या है? तो आपने बहुत सारे भगवानो की फोटो देखी होंगी उनके
सर के ऊपर एक चक्र होता है लाईट का तो उसे ही हम लोग औरा कहते है ।
ये औरा सभी व्यक्तियों मे होता है, लेकिन जो लोग मन से बहुुत शांत होते है और
हमेशा पॉजिटिव रहते है उनका औरा हमे दिखाई देेेता है और बाकी लोगो का औरा
हमे नही दिखाई देता है। स्वामी विवेकानन्द जी ने और बुद्ध जी ने इतना ज्यादा
समय बिताया था एकान्त में जिसकी वजह से उनका औरा बहुत ज्यादा स्ट्रांग था,
जिस कारण उन्हे और उनकी बातो को सारी दुनियां फॉलो करती है अगर
हम आज की बात करे तो हम अक्षय कुमार जी का उदाहरण ले
सकते है, अक्षय कुमार जी सुबह चार(4) बजे सोके उठते है और सिर्फ
और सिर्फ अपने साथ समय बिताते है जिसकी वजह से उनका
औरा बहुत ज्यादा बड़़ गया है,
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जिसकी वजह से उनकी अवेयरनेस और फोकस बहुत ज्यादा बड़़ गया है, और इसी
कारण वो आज अपनी लाईफ मे सफल है। तो अगर हम भी अपनी लाईफ मे
सफल होना चाहते है तो हमेे भी एकान्त मे समय बितानेे की जरूरत हैै और क्या
करना पड़गा एकान्त मे समय बितानेे के लिए हमे खुद के साथ अकेले मे समय बिताना पड़ेेेगा।
2). मेडिटेशन –
मेडिटेशन यानी की ध्यान की अवस्था इस अवस्था मे हम दुनियां से फिजिकली
और मेंटली दोनाे तरह से अलग होते है हमारा ध्यान सिर्फ और सिर्फ हमारी
सॉसो पर होता है हमारा बॉडी, हमारा माइ्ंड और हमारेे विचार पूरी
तरह से शांत होते है। ध्यान की इसी अवस्था को हम लोग SOLITUDE STATE कहते है
यानी की एकान्त की अवस्था कहते है।
3). क्रिएटिव बर्क –
क्रिएटिव वर्क जैसे- डांसींग, सींगींग, पेंटिग, स्टडी या कोई भी क्रिएटिव वर्क
करने के लिए हमे कुछ समय के लिए इस दुनियां से अलग होना ही पड़ेगा लेकिन
प्रॉब्लम ये है कि हम फिजिकल लेवल पर तो इस दुनियांं से अलग हो जाते है लेकिन
मेंटल लेवल पर इस दुनियां से कभी अलग हो ही नही पाते है जिसकी वजह से हम
अपने काम को 100% नही दे पाते है पूरी तरह फाेकस नही कर पाते है और अपने
काम मे असफल हो जाते है। तो अगर हम अपने काम मे सफल होना चाहते है
तो हमे एकान्त मे समय बिताने की जरूरत है। जब हम अपना 100% देकर
कोई क्रिएटिव वर्क करते है तो इसे हम लोग SOLITUDE STATE यानी
की एकान्त की अवस्था कहते है।
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4). नेचर को फील करके –
नेचर को फील करके हम लाेेेग एकान्त की अवस्था मे रह सकते है लेकिन हमारे
माइंड मे सवाल आता है कैसे? तो ये नेचर बना है पंच तत्वो से जल, अग्नि, हवा, मिट्टी
और आकाश से तो पहला जल जब आसमान से बारीश होती है तो हमे
फील करना चाहिए कि कैसी ये जल
की बुन्दे हमारे बॉडी को टॅच होते हँए हमारे बॉडी मे एब्जर्व होती है और हमारे बॉडी के एनर्जी लेवल को बहुत ज्यादा बड़ा देती है।
दूसरा है अग्नि- जब हम आग के सामने होते है तो हमे फील करना चाहिए की कैैैसे आग की लपटे हमारे बॉडी मे एब्जर्व होती हैै और हमारी बॉडी का हीटेड करने के साथ-साथ एनर्जेटिक भी कर देती है !
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और तीसरा हवा – इस तत्व को फील करने के लिए हमे या तो पहाड़ाेे पर
जाने कि जरूरत है या किसी नदी के किनारे जाने की जरूरत है और हमेे फील
करना चाहिए कि कैसे ये हवा हमारे बॉडी म एब्जर्व होती है और हमारे बॉडी
के एनर्जी लेवल को बहुत ज्यादा बड़ा देती है आपने शाहरूख खान का फेमस
पोस देखा होंगा जिसमे वो अपने दोनो हाथो को
फैलाकर इस नेचर को फील करते है।
और चौथा मिट्टी- इस तत्व को बहुत कम लोग फील कर पाते है क्योंकी अधिकतर
लोगो के घरो मे टाईल्स लगी हुई होती है जब हम घर से बहार निकलते है तो
रोड पर सिमेंट या और कुछ सामग्री होती है या जब हम लोग गार्डन या ग्राउण्ड जाते है
तो हमारेे पैर जूूूते या चप्प्ल होती है तो इस तत्व को हम लोग कभी फील ही नहीं
कर पातें है हमे इस तत्व को फील करना चाहिए कि कैसे ये तत्व और हमारी बॉडी
आपस मे सम्पर्क मे आते है और हमारेे बॉडी का एनर्जी लेवल बड़ा देते है।
पॉंचवा है आकाश – इस तत्व को फील करने के लिए हम या तो ऊचे पहाड़ाेे पर जाने की जरूरत हैै या ऊचे टाॅॅॅॅॅवरो पर जाने कि जरूरत है और वहॉं पर जाकर हम इस तत्व को फील कर सकते है।
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5). भक्ति भावना –
भक्ति भावना के द्वारा भी हम लोग एकान्त की अवस्था मे रह सकते है ,
जब हम भगवान, अल्ला, या वाहेगुरूजी की भक्ति करते है तो हम एकान्त मे
समय बिताने की जरूरत है और जब हम एकान्त मे समय बिताते है
तो उसी काे हम एकान्त की अवस्था कहते है।
इन टिप्स काेे फॉलो करके आप एकान्त की अवस्था मे रह सकते हो
तो अगर आप इस ब्लाॅॅग का विडियो देखना चाहते है और एकांत मे कैसे रहे? को समझना चाहते है तो नीचे दिए गए लिंक पर क्ल्कि करें –
https://www.youtube.com/watch?v=T3-_KJQbN6c
THANKS FOR READING