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Course Of Personality Development : मैने आपको बताया था की हम इन्कम जनरेट करना चाहते है,
या अपनी जॉब का प्र्मोशन करना चाहते है, या अपने बिजनेस को बढाना चाहते है
इन्कम जनरेट करना : Course Of Personality Development
तो दोस्तो आज हम एक और इंम्पार्टेंट टॉपिक पर बात करने वाले है, पर्सनॉलिटि डेवलपमेंट के
बारे मे और मैने आपको बताया था की हम इन्कम जनरेट करना चाहते है, या अपनी जॉब का
प्र्मोशन करना चाहते है, या अपने बिजनेस को बढाना चाहते है, या कुछ भी करना चाहते है
तो हमारी पर्सनॉलिटि डेवलप होना बहुत जरूरी है।
पर्सनॉलिटि डेवलपमेंट मे बहुत सारे फेक्टर्स आते है बहुुत सारी सब ब्रांचेस है इसको हम
सबको जब मर्ज करके सीखते है तब हमारी पर्सनॉलिटि डेवलप होती हेै। तो अब हम
पर्सनॉलिटि डेवलपमेंट के बारे मे बात करने वाले है।
Personality Development : इसका मतलब क्या है| सबसे पहले हम ये देखते है
की पर्सनॉलिटि डेवलपमेंट का मतलब होता क्या है,तो कई बार हम कही पार्टि मे जाते है
या कही फंंक्शन मे जाते है तो कोइ बंदा हमे दिखाई देता है बहुत ब्यूटिफूल मतलब दिखन
मे बहुत अच्छा, दिखने मे बहुत अच्छा तो हम लोग कहते है वॉव क्या पर्सनॉलिटि है
या कही कोई लडकी दिखती है तो हम कहते है वॉव क्या ब्यूटिफूल लडकी है इसकी पर्सानॉलिटि बहुत अच्छाी,
तो ऐसा नही है हम लोग अधिकतर केस मे हम पर्सानॉलिटि को देखते है शारिरीक रूप मे याने
हम दिख कैसे रहे है] तो हम लोग मान लेते है की हम जैसे दिखते है हमारी पर्सानाॅलिटि वैसी ही होती है,
लेकिन ऐसा नही होता है पर्सानॉलिटि डेवलपमेंट का मतलब है कि हम सोचते कैसे है, बालते कैसे है,
हमारा व्यवहार कैसा है,हम कपडे कैसे पहनते है, लोगो के साथ व्यवहार कैसे करते है।
Course Of Personality Development : हम अपनी सकल नही बदल सकते है
अगर ये सारी चीजे अच्छी है तो आपकी पर्सानॉलिटि बहुत अच्छी है
डेवलप है और अगर ये चीजे अच्छी नही है तो आपकी पर्सानॉलिटि अच्छी नही है।
तो इन सारी चीजो मे सुधार करने को ही पर्सानॉलिटि डेवलपमेंट कहते है।
याद रखो हम अपनी सकल नही बदल सकते है बॉडि नही बदल सकते है लेकिन हम हमारी जो
पर्सानॉलिटि है उसको डेवलप जरूर कर सकते है।
तो चलिए इसको डेवलप करने की कोशीश करते है,ऐसे कौनसे फेक्ट है जहॉ पर काम करके हम
अपनी पर्सानॉलिटि को डेवलप कर सकते है। अगर हमे पर्सानॉलिटि डेवलपमेंट पर काम करना है
तो हम दो लेवल पर काम करना होंगा
Course Of Personality Development : बॉडि लेवल पर काम |
पहला बॉडि लेवल पर और दूसरा काम करना होंगा हमे अपने माईंड लेवल पर,
देखो अधिकतर जब बात आती है ना तब 90% लोग अपने बॉडि पर काम करते है,और पर्सानॉलिटि
डेवलप नही हो पाती है। तो अगर हमे एडवांस पर्सानॉलिटि को डेवलप करना है तो हमे बॉडि
पर भी काम करना पडेगा और माईंंड पर भी।
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तो अब हम बात करते है बॉडि पर की अगर हमे अपनी पर्सानॉलिटि को डेवलप करना है तो हमे बॉडि
लेवल के किस एरिया पर काम करना होंगा तो हमे सबसे पहले काम करना होंगा बॉडि लेंगवेज पर तो
अब ये बॉडि लेंगवेज का मतलब क्या होता है,
तो ऐसी लंगवेज या ऐसी भाषा जहॉ पर हम शब्दो से कुछ नही कहते लेकिन बॉडि से कह देते है और ये
पर डे हम यूज करते है, आप करते हो ना इधर आओ, मत आओ,आपको कुछ खाना है- हा/नही, तो हम हमारी जो
है बॉडि लेंगवेज को यूज करके हम हमारी बाॅॅडि लेंगवेज को डेवलप करते है। अब आप साचो की मै आपको
मेरे हैंड मूमेंट करके बता रहा हूॅ या मेरी आई मूमेंट करके बता रहा हॅू
अगर कोई हॅसी की बात है तो हम हँँसते है।
तो अगर हम बॉडि लेंगवेज को अच्छी तरह यूूज करते है तो हमारी बॉडि लेंगवेज बहुत अच्छी
हो जाती है हमारी जो बात है उसमे वेल्यू आ जाती है, हम जो बात रखना चाह रहे है
दूसरो के सामने उसकी वेल्यूू बढ जाती है।
Personality Development : ड्रेसींग सेंस |
इसके बाद अगर हम बात करे तो आता है ड्रेसींग सेंस की हम लोगो की ड्रेसींग सेंस क्या है ?
ड्रेसींग सेंस हमारे लिए बहूत मायने रखती है अगर आप सोचो की कोई जींस के ऊपर टॉप पहन ले
अगर कोई बॉय तो क्या अच्छा लगेंगा – नही या कोई जींस के ऊपर शेरवानी पहन ले तो
क्या अच्छा लगेंगा – नही। तो कहॉ पर क्या पहनना है,
मुझे एक बात बताओ की पीली सी सर्ट और उसके नीचे लाल कलर की पेंट पहन ली
जाए तो कैसा लगेंगा इमेजीनेशन करके देखो उसमे कितने ब्यूटिफूल लगोंगे आप नही
लगोंगं ब्यूटिफूल आप बहुत बेकार लगोंगे क्यू ,
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क्यूकी हम लोगो को सलेक्शन करते आना चाहिए हमारा ड्रेसींग सेंस की कहॉं पर क्या पहनना है
कहॉ क्या नही पहनना है ये तो कलर्स की बात हो गई दूसरा किस प्लेस पर हमे क्या पहनना है,
अगर अभी मै लिखते टाईम शेरवानी पहन के आ जाऊ और लिखु तो क्या ये अच्छा लगेंगा नही
लगेंगा या फिर ब्लेजर पहन के मॉर्निंग वॉक पर चले जाऊ तो क्या अच्छा लगेंगा नही लगेंगा,
तो ड्रेसींग सेंंस होना बहुुत जरूरी है जो की हमारी पर्सानॉलिटि को रिप्रजेंट करता है।
इसके बाद हम यहां बात करते तीसरा है मोस्ट इम्पार्टेंट हाईजीन आपको मेनटेन करनी होंगी या मेनेज
करनी होंंगी हाईजीन का मतलब होता है,
हमारी बॉडि की क्लिनिंग –
हमारी बॉडि की क्लिनिंग स्वच्छता जिसे हम कहते है। अगर मै लेक्चर लेते टाईम अगर नाक
मे उंगली करू तो अच्छा लगेंगा नही लगेंगा तो हाईजीन मेनटेन करना बहुुत जरूरी है,
एैसा नही होना चाहिए की आपने 15 दिन ण्क ही सर्ट पहनी और आप किसी
लडकी को प्रपोस करने जा रहे हो तो क्या वह इंप्रेस होंगी तो नही होंगी,
या आपको जॉब के लिए इंटरविव देने जाना है और आपके कपडे धुल हुए नही है।
गंदे कपडे पहन के चले गए तो क्या इंप्रेसन कैसा रहेंगा बेकार रहेंगा,
और ऐसा बोला जाता है कि (First Impression is the last Impression) तो यह बहुत इम्पार्टेंट रहता है।
तो हम लोगो को बॉडि लेवल पर जो है हमे ये तीन फैक्टर पर काम करना होंंगा – बॉडि लेंगवेज मे
सुधार करना होंगा ड्रेसिंग सेंस हमारा कब कहाँँ कैसे होंगा ये हम लोगा को डिसाईड करना है,
हाईजीन मेनटेन करना है ऐसा नही की ठंड के दिन चल रहे है तो पॉच दिन मे एक बार नहाना है,
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लेकीन नही आपको हर दिन नहाना है और नहाना क्यो इम्पार्टेंट होता है हम लोग देखेंगे
हाईजीन मेनटेन मे, और कपडे धुलना क्या इम्पोर्टेंट होता है ये तो आप जानते ही है तो
ये जो छोटी-छोटी चीजें है तो इनसे हम अपनी पर्सानॉलिटि को डेवलप कर सकते है।
Course Of Personality Development: माईंड लेवल पर
इसके बाद हम लोग बात करते है माईंड लेवल, माईंड लेवल पर जब हम लोग काम करते है तो
हम लोग काम करते है ना तो हमारी पर्सनॉलिटि बहुत इम्प्रूूव होती है, तो चलिए इसको देखते है।
तो पहला हम लोगो को काम करना है कम्युनिकेशन स्किल पर यानि बात चित करने कि कला पर
अगर आपको बात करते नहीं आयेगा तो आपकी बॉडि कितनी अच्छी हो भलेहि आपके सिक्स पैंक
हो या बॉडि लेंगवेज आपकी बहुत अच्छी हो हाईजीन भी बहुुत अच्छी मेनटेन करके रखी हो
आप बहुत स्मार्ट दीख रहे हो लोगआपको बोल भी रहे हो वॉव क्या पर्सानालिटि है,
जैसे ही उसके पास जायेंगे और बोलोंगे हेला जेन्टलमेन
तो वो बोलेंगा हा रे भाऊ मतलब की ना उसका कम्यूनिकेशन अच्छा हो और ना हि उसकी बॉडि
लेंगवेज अच्छी हो तो जिस बाॅडि को देखकर आप इंप्रेस हुए थे, तो ये सब चीजे जब उस पर्सन मे नही होगी
तो वही पर आपका इंंप्रेसन लो हो जायेंगा। और वैसे भी कहाॅ जाता है कि
(First Impression is the last Impression) तो आपका फर्स्ट इंप्रेशन बहुुत अच्छा होना चाहिए,
और हमेंशा याद रखो कोई व्यक्ति आपके पास तब ही आयेंगा जब आप दो तीन फैक्टर्स पर काम करेंगे
अगर ये फैक्टर्स पर आपने काम कर लिया तो कोई भी व्यक्ति आपके पास बात करने जरूर आयेंगा।
तो इसलिए कम्यूनिकेशन स्क्लि पर आपको काम करना है।
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आगे अगर हम बात करे तो पॉजिटिव माईंड सेट हमे डेवलप करना पडेगा अगर हम लोग एक
पाॅजिटिव माईंड सेट डेवलप नही कर पायेंगे ना तो हम लोगो की सोच बहूूत छोटी हो जायेंगी जैसे
अगर आपसे कोई बात करने आ रहा हो तो आप सोचेंगे मै इससे क्यू बात करू मेरा तो
समय खराब हो जायेंगा मै अपना समय क्यूू खराब करू, तो बहुत नेगिटिविटि जब आपके माईंड मे
आयेंगी ना तो बालते है ना कि मनस्थिति बदलने से परिस्थिति बदल जाती है।
Course Of Personality Development : सेल्फ कॉन्फिडेंस
इसके बाद अगर हम बात करें तो फैक्टर आता है, जिसके बिना आप कम्युनिकेशन कर ही नहीं सकते
हो वो है सेल्फ कॉन्फिडेंस अगर आपके अंदर सेल्फ कॉन्फिडेंस नहीं है ना मतलब कि आत्मविश्वास जिसे कहते है,
अगर आपके पास सेल्फ कॉन्फिडेंस नहीं है तो आप यह सोचोगे कि अगर मैं 4 लोगों के बीच में बोलूंगा
तो वह मुझे क्या बोलेंगे क्या रिएक्ट करेंगे मुझे उनके सामने डर लग गया तो कुछ गलत
बोल दियातो यह सारी चीजें सोचते रहोगे आप और कम्युनिकेट कर ही नहीं पाओगे किसी भी व्यक्ति से,
तो इसलिए सेल्फ कॉन्फिडेंस होना बहुत जरूरी है।
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इसके बाद अगर हम बाद करे तो अगला है, जिस पर हमे माइंड लेवल पर काम करना है वो है इमोशंस,
जो हमारे इमोशंस होते हैं वह हमारे बॉडी पर तो कहीं नहीं दिखते, यह कहां से आते हैं तो यह आते हैं
हमारे माइंड से अगर आप अंदर से बहुत दुखी हो, तो क्या आप हंस के बात कर सकते हो,
कॉन्फिडेंस के साथ बात कर सकते हो,तो नहीं या अगर आप अंदर से डरे हुए हो तो क्या
कॉन्फिडेंस से बात कर सकते हो तो नहीं कर सकते हो।
तो हमें अपनी इमोशंस पर काम करना होगा तभी हमारी पर्सनालिटी में निखार आयेगा।तो अगर
हम बॉडी लेवल और माइंड लेवल के इन फैक्टर्स को फॉलो करते हैं
तो हमारी पर्सनाॅलिटी डेवलप होती है।
और यदि आपको और पर्सनॉलिटी डेवलप करनी है यानी कि एडवांस पर्सनॉलिटी डेवलप करना है
तो उसके लिए आपको और कुछ चीजों की जरूरत है, तो वह चीजें हैं जो हमें माइंड लेवल पर
भी करनी पड़ेगी और बॉडी लेवल पर भी करनी पड़ेगी, तो ऐसी कौन सी चीज है जो हमें करनी पड़ेगी।
Course Of Personality Development : डैली हैबिट्स पर काम |
तो पहली है डेली हैबिट्स पर डे हमारी आदतें कैसी है, हमारी रूटीन कैसी है यह बहुत मैटर करती है,
हमारी पर्सनालिटी को डेवलप करने के लिए कि हम कितने बजे सोते हैं,कितने
बजे उठते हैं नींद पूरी होती है नहीं होती है हम क्या खाते हैं क्या नहीं खाते हैं,
हम क्या गैन करते है, देखो सबसे इंपॉर्टेंट चीज हमेशा याद रखना कि
पर्सनैलिटी डेवलप तभी होगी, इसका सबसे बड़ा फैक्टर होता है
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नॉलेज आप कितनी ही स्किल सीख लो लेकिन आपको किसी टॉपिक के बारे में नॉलेज नहीं है
तो आप बात नहीं कर पाओगे, अगर मैं आपको साइंस के बारे में बोलने का बोलूं,
और आपने सारे रूल्स सीख भी लिए सारी स्किल्स भी सीख ली लेकिन आपको साइंस के बारे में नॉलेज नहीं है
तो आप कभी बात नहीं कर पावोगे, तो इसीलिए नॉलेज पर काम करना बहुत जरूरी है,
तो यह डेली हैबिट्स ही आ जाती है कि डेली हैबिट्स आपकी क्या है, आप हर दिन कुछ नया
सीख पा रहे हो या नहीं सीख पा रहे हो, ऐसा बोला जाता है कि अगर आपको पर्सनालिटी
को डिवेलप करना है तो आपको पर डे अपडेट होना पड़ेगा कुछ नया नया सीखना पड़ेगा,
तो अगर हम बात करे की डेली हैबिट्स में क्या करना होगा,
तो आपको बॉडी एक्सरसाइज करनी है और माइंड एक्सरसाइज भी करनी है, बॉडी एक्सरसाइज से क्या होगा
कि हम फिजिकली स्ट्रांग होंगे और फर्स्ट इंप्रेशन हमारा अच्छा बनेगा माइंड एक्सरसाइज करने से हम मेंटली
स्ट्रांग बनेंगे जिससे हमारे पर्सनैलिटी में अलग ही निखार आएगा।
जो बोला जाता है ना कि अट्रैक्ट कैसे करे लोगों को, तो ऐसा करने से लोग अपने आप अट्रैक्ट होंगे आपके तरफ।
Course Of Personality Development : एनर्जी मैनेजमेंट |
तो इसके बाद अगर हम बात करे तो आता है, एनर्जी मैनेजमेंट यह बहुत जरूरी है।
देखो आपने देखा होगा कि जिसकी बहुत एडवांस पर्सनैलिटी रहती है वह हमेशा
एनर्जी ठीक रहता है हमेशा खुश रहता है हैप्पी रहता है लेकिन जिनकी पर्सनैलिटी डिवेलप नहीं होती है
वह हमेशा एनर्जेटिक नहीं रहते हैं।
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तो इसके बाद हम बात करते हैं जिस पर हमें काम करना है तो वह है
(सेंस ऑफ ह्यूमर) तो अब यह सेंस ऑफ ह्यूमर क्या होता है
तो यह होता है मस्ती मजाक करने की कला, अगर आप बहुत सीरियस पर्सन होंगे तो
आपको क्या लगता है आपके पास लोग आएंगे याद रखना इस दुनिया में
अधिकतर लोग 10% टाइम एजुकेशन में देते है कुछ सीखने पर देते हैं
और 90% टाइम इंटरटेनमेंट पर देते हैं, तो अगर आपके साथ कोई व्यक्ति है और
अगर वह हंस नहीं रहा है ना, देखो आप से कोई व्यक्ति कभी भी दो ही कारणों से जुड़ता है
यदि वह आपसे कुछ सीख रहा हो या आपके साथ रहने से उसके फेस पर स्माइल आती हो,
इसलिए हमें नॉलेज पर काम करना है ताकि अगर कोई व्यक्ति हमारे साथ है,
तो वह हमसे कुछ सीख कर जाए ताकि वह हमसे जुड़ा रहे हैं, दूसरा हम इतने फनी हो कि
हमारे अंदर जो ह्यूमर वाला नॉलेज और स्किल हो कि अगर जो भी हमारे साथ रहे उसका
माइंड फ्रेश हो जाए, तो इसीलिए हमें सेंस ऑफ ह्यूमर पर काम करना होगा।
तो सेंस ऑफ ह्यूमर की अगर बात करें तो यहां बॉडी लेवल पर भी होता है
और माइंड लेवल पर ही होता है कुछ लोग अपनी बॉडी को हिला डुला के लोगों को हंसाते हैं
और कुछ लोग अपने माइंड की बातों से विचारो से लोगों को खुश करते हैं।
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तो यह हंसी मजाक करने की कल आपके पास होनी चाहिए लेकिन एक बात यह भी याद
रखिए की इसके भी कुछ रूल्स होते हैं, कुछ नियम होते है, आप कभी भी किसी धर्म के खिलाफ
मजाक नहीं बना सकते हो, आप किसी व्यक्ति की बॉडी या परिस्थिति पर
आप मजाक नहीं कर सकते हों, इससे आपकी वैल्यू कम हो जाएगी ।
इसके बाद अगर हम बात करें जिस पर हमें काम करना है तो वह है रिलेशन मास्टरी,
देखो अगर आपके रिलेशन दूसरों के साथ अच्छे नहीं होंगे ना तो आपकी पर्सनैलिटी कितनी ही
अच्छी हो वो खराब होनी ही होनी है क्योंकि वह व्यक्ति जाकर चार लोगों को बताएगा कि,
इस व्यक्ति से व्यवहार मत रखो यह व्यक्ति अच्छा नहीं है,
तो इसीलिए आपको रिलेशनशिप निभाते आनी चाहिए, वह चाहे आपकी गर्लफ्रेंड हो चाहे आपकी
वाइफ हो चाहे आप की सिस्टर हो या आपके कोई फैमिली का मेंबर हो या आपके बिजनेस का
कोई पर्सन हो या आपके बिज़नेस का कोई एम्प्लॉय हों, उनके साथ कैसे रिलेशन रखना है,
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सक्सेस होने का बहुत बड़ा पॉइंट :
क्योंकि सक्सेस होने का जो बहुत बड़ा पॉइंट होता है वह होता है नेटवर्किंग आपसे जितने ज्यादा लोग जुड़ें
गे आप लाइफ में उतने ही ज्यादा सफल होंगे और उसके लिए आपको रिलेशनशिप मैनेजमेंट
आना चाहिए रिलेशनशिप मास्टरी आपके पास होनी चाहिए कि अगर कोई आप से नाराज है
आपके कंपनी से नाराज हैं,
तो आप उससे 5 मिनट में बात करके उसे कन्वेंस कर सको, अभी जो होता है कि
जिन लोगों की पर्सनैलिटी डिवेलप नहीं है जैसे हम जब हमारी पर्सनालिटी भी डिवेलप नहीं थी
और जब हमें स्कूल या कॉलेज से कहीं बाहर ले जाया जाता था तो हम पापा या मम्मी से कहते थे
कि हमें टूर पर जाना है और वह मना कर देते थे, कहते थे अभी नहीं जाना है,
लेकिन वही आपको जब थोड़ा सा नालेज आ जाता है तो आप कन्वेंस करते हैं कि
नहीं पप्पू भी जा रहा है रमेश भी जा रहा है ये भी जा रहा है,वो भी जा रहा है मेरे सभी दोस्त जा रहे
वहां बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और फिर मम्मी पापा कन्वेंस हो जाते हैं
तो इसीलिए यह कन्वेंशन पावर भी हमारे पास होनी बहुत जरूरी है। तो इन
सारी चीजों को फॉलो करते हुए आप एक एडवांस पर्सनैलिटी डिवेलप कर सकते हो।
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