Personality Development in Hindi : हम जो ह्यूमन है मनुष्य है और हमारे अंदर अलग-अलग प्रकार
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के फ्लूड होते हैं याने द्रव्य होते हैं और उसी के आधार पर हमारी पर्सनैलिटी बनती है। तो फ्लूड कौन-कौन
से है यह हम डिसकस नहीं करेंगे,
तो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं टाइप्स ऑफ पर्सनैलिटी के बारे में जो बेस्ड है फिजियोलॉजिस्ट हिप्पोक्रेट्स के द्वारा दी गई डेफिनेशन के आधार पर, तो एक फिजियोलॉजिस्ट थे जिनका नाम था हिप्पोक्रेट्स तो इन्होंने हमें अलग-अलग पर्सनालिटी के बारे में बताया है, तो इनका कहना था कि
हम जो ह्यूमन है मनुष्य है और हमारे अंदर अलग-अलग प्रकार के फ्लूड होते हैं याने द्रव्य होते हैं और उसी
के आधार पर हमारी पर्सनैलिटी बनती है। तो फ्लूड कौन-कौन से है यह हम डिसकस नहीं करेंगे, लेकिन
फ्लूड के बेस पर हमें 4 पर्सनैलिटी के बारे में बताया गया है उसके बारे में डिस्कस करेंग।
Personality Development in Hindi | 4 Tips Discussion
सेंगुइन
तो सबसे पहली पर्सनैलिटी है हमारी सेंगुइन तो यह पर्सनैलिटी में कौन आते हैं तो इसमें वह लोग आते हैं
जो हमेशा खुश रहते हैं और यह हमेशा दूसरों को भी खुश रखने की कोशिश करते हैं, पर अगर इन्हें कोई
काम करना है तो यह उस काम के बारे में ज्यादा सोच विचार नहीं करते ।
मेलोनकॉलिक
यदि इसके बाद सेकंड के डिग्री की बात करें तो यह है मेलोनकॉलिक तो इसमें अगर हम देखे तो
इसमें ऐसे लोग आते हैं जो एक सिस्टोमेटिक लाइफ जीते हैं और लॉजिकल लाइफ भी ये जीते हैं जब भी यह
कोई काम करेंगे बड़े सिस्टमैटिक ढंग से करेंगे हर चीज में इन्हें लॉजिक ढूंढने की आदत होती है,
और जब भी यहां कोई काम करेंगे तो बहुत ज्यादा सोच विचार करके करेंगे
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फ्लेगमैटिक
इसके बाद अगर हम बात करें अगली केटेगरी की तो आती है फ्लेगमैटिक इस कैटेगरी में ऐसे लोग होते
हैं जो शांत नेचर के होते हैं और हमेशा अपनी लाइफ में कुल रहते हैं, आपने देखा होगा कि
आजकल अपनी लाइफ में बहुत कम लोग होते हैं जो कूल होते हैं। यह लोग ऐसे होते हैं कि अगर
इनके लाइफ में कोई भी अप एंड डाउन है या फिर कोई भी बिजनेस अपॉर्चुनिटी आए
तो यह बहुत ज्यादा एक्साइट नहीं होते है। खुशियां आए दुख आए यह हमेशा शांत रहते हैं।
कोलेरिक
तो इसके बाद हम बात करें कोलेरिक कैटेगरी की तो इसमें ऐसे व्यक्ति आते हैं जिन्हें बहुत ज्यादा गुस्सा आता है,
और बहुत ज्यादा गुस्सा आता है तो इसका एक फायदा भी है की, इनके अंदर लीडरशिप क्वालिटी बहुत हाई होती है,
यह किसी भी चीज को बहुत अच्छे से लीड कर लेते हैं, लेकिन गुस्सा बहुत तेज आता और इसी के कारण ये
दूसरों को डोमिनेंट करते रहते हैं, डोमिनेंट का मतलब होता है कि दूसरों की ओर प्रभावी रहते हैं
या दूसरों पर प्रभाव डालते हैं, मतलब अगर कहीं कन्वर्सेशन हो रही है तो वहां यह इतना तेज बोलेंगे
इतने एग्रेसिव हो रहेंगे कि वहां सब की आवाज दब जाएगी।
तो हमने देखा इन चार कैटेगरी के बारे में जो कि हिप्पोक्रेट्स के डेफिनेशन के आधारित है।
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तो अगर बात करे की इसमें से कौन सी कैटेगरी सही है जिसमें आपको रहना चाहिए,
तो अगर मैं बात करूं तो यह चारों के कैटेगिरी हमारे फ्लूड पर बेस्ड है और वो है उसका आप कुछ नहीं
कर सकते लेकिन हां अगर मैं बात करूं डोमिनेंट करने की तो अगर आपको उसका नॉलेज है तो,
आप अच्छे से डोमिनेंट कर पाओगे लेकिन आपको डोमीनेंट करने का जरा भी नॉलेज नहीं है
और आप किसी को बोलने का मौका ही नहीं दे रतो वह एक बहुत गलत पर्सनैलिटी है।
लोग जो है आपसे घृणा करने लगेंगे आप की वैल्यू नहीं करेंगे आपसे नफ़रत करने
लगेंगे और आपकी रिस्पेक्ट भी नहीं करेंगे।
उसी प्रकार शांत की बात करें तो शांत रहना बहुत जरूरी है अपने लाइफ में
लेकिन आपको यह भी पता रहना चाहिए कि अकॉर्डिंग टू सिचुएशन की कहां पर शांत रहना है और कहां पर शांत
नहीं रहना है। मेलोनकॉलिक की बात करें तो सिस्टमैटिक लाइफ जीना भी बहुत जरूरी होता है ऐसा नहीं
कि कभी भी उठे और कहीं भी चले गए कई बार हमें सोचना भी होता है और विचार भी करना होता है
और एक सिस्टमैटिक लाइफ भी जीना होता है लेकिन एक लिमिट तक।
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सेंगुईन की बात करें तो हमेशा खुश रहना बहुत अच्छी बात है लेकिन ऐसा नहीं कि कहीं पर किसी
की डेथ हो गई और वहां आप हंस रहे हो, तो यह आपको पता होना चाहिए कि कहां हंसना है
और कहां नहीं पर दूसरों को खुश रखना भी एक अच्छी बात है लेकिन इतना भी नहीं कि
आप उन्हें खुश करने में ही अपनी पूरी लाइफ बीता दे।
तो इसमें से आप जिस किसी भी कैटेगरी में आते हैं तो उसे कैसे मैनेज करना है इस बारे में हम बात करेंगे नेक्स्ट टॉपिक में।