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DRx Devesh Pal |
तो दोस्तों आज मैं कोई इंपोर्टेंट टॉपिक पर बात करने वाले हैं कि, अपने गुस्से को कैसे कंट्रोल करें। अगर हमने हमारे गुस्से को कंट्रोल नहीं किया तो हमें मेंटल लेवल और फिजिकल लेवल दोनों ही लेवल पर बहुत ज्यादा नुकसान झेलना पड़ेगा तो इस टॉपिक को समझने के लिए हमें दो तीन पॉइंट क्लियर करना होंगा, जैसे कि
गुस्सा क्यों आता है –
हमें गुस्सा क्यों आता है, तो हमें गुस्सा आता है तनाव की वजह से और तनाव हमें बहुत सारे कारणों से आ सकते हैं जैसे कि’ पैसों की कमी या फिर या फिर हमारे साथ का कोई व्यक्ति कोई अच्छा काम कर ले फिर भी हम लोग तनाव में आ जाते हैं।
गुुुुुस्सा कब आता है –
दूसरा पॉइंट कि हमें गुस्सा कब आता है? जब हमें कोई बुरा कहता है या फिर हमरी बातें नहीं सुनता है तो हमें गुस्सा आ जाता है।
गुुुुस्सा कैसे आता है –हीीीीहीिह
थर्ड पॉइंट कि हमें गुस्सा कैसे आता है? तो हमारे बॉडी में एक हार्मोन रिलीज होता है जिसका नाम है एड्रेनेलिन जब यह हमारे बॉडी में रिलीज होता है तो हमें बहुत तेज गुस्सा आता है। और इस हारमोंस के कार्य के आधार पर हम इस हारमोंस को fight and flight हारमोंस कहते हैं, इसका मीनिंग क्या है इसे हम एक स्टोरी के थ्रू समझते हैं एक छोटे से गांव में दिनेश और उसकी छोटी सी फैमिली रहती थी जिसमें उसकी मां और एक छोटा भाई था ।
दिनेश की मां की तबीयत हमेशा खराब रहती थी, इस वजह से दिनेश शहर में काम करने चला गया, एक ऑफिस में उसे पियून की जॉब मिल गई वो वहां पर बहुत मेहनत करता है और दिल लगा के काम करता है वह काम करते रहता है समय बीतते जाता है लेकिन इतनी मेहनत करने के बावजूद भी जो दिनेश के जो बॉस होते हैं उसे किसी ने किसी बातों पर डांटते रहते हैं, लेकिन इन सारी बातों को भूलकर दिनेश दिल लगाकर मेहनत करते रहता है और मंथ के एंड में उसे जो भी सैलरी मिलती है वह उसे अपने गांव भिजवा देता है अपने मां के इलाज के लिए, दिन बीते जाते हैं
और फिर 1 दिन दिनेश की मां का फोन आता है कि बेटा मैं ठीक हो चुकी हूं अब तुम घर वापस आ जाओ दिनेश कहता है हां मां मैं कुछ दिनों में जल्दी आ जाऊंगा दिनेश फिर से काम पर जाता है ऑफिस में उसी एनर्जी के साथ और उसी जोश के साथ काम करने लग जाता है और इतने में ही उसके पास आते हैं और उसे डांटने लगते हैं लेकिन इस बार जो दिनेश है वह बॉस की डांट नहीं सुनता है और अपने बॉस को एक तमाचा लगा देता है ऑफिस में पुलिस आती है और दिनेश और उसके बॉस को दोनों को जेल में बंद कर देती है
तो, इस स्टोरी के माध्यम से मैं आपको कुछ समझाना चाहता हूं कि हमारे बॉडी में जो एड्रेनेलिन है वह काम कैसे करता है, तो जब तक दिनेश को पैसों की जरूरत थी तब तक उसने अपने बॉस को कुछ नहीं बोला लेकिन जैसे ही दिनेश की जरूरतें पूरी हो गई, उसके बॉडी में एक हार्मोन रिलीज होता है जिसके बारे में हम बात कर चुके हैं जिसका नाम है एड्रेनेलिन तो एड्रेनेलिन के हमने वर्क देखे थे, फाइट एंड फ्लाइट हार्मोन तो दिनेश के जैसे ही काम हो जाते हैं तो वह अपने बॉस से फाइट करने लगता है एक यही रीजन होता है, और दूसरा जिसका नाम होता है फ्लाइट, फ्लाइट का मीनिंग क्या होता है? फ्लाइट का मीनिंग होता है उड़ना जब हमें कोई ऊंचाई से कूदने का बोलता है तो हमें डर लगता है लेकिन जैसे ही हम लोगों की मजबूरी बन जाती है कि की हमें कूदना ही कूदना है तब हमारे बॉडी में एड्रेनेलिन रिलीज होता है और हम कूद जाते हैं। दूसरा पॉइंट की जो हमें स्टोरी से समझना है वो है कि हमेशा गुस्सा करने से नुकसान ही होता है, और तीसरा पॉइंट हमें यह समझना है कि हमें गुस्से को कंट्रोल कैसे करना है? तो इसके आगे वाले टॉपिक मैं आपको कुछ टेक्निक्स बताऊंगा जिससे हम अपने गुस्से को कंट्रोल कर सकते हैं।
तो अगर आप इस ब्लाॅॅग का विडियो देखना चाहते हैै तो नीचे दिए गए लिंक पर क्ल्कि करें –
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