पढ़ा हुआ लम्बे समय तक कैसे याद रखे : हम एक और इम्पोर्टेंट टॉपिक पर
बात करेंगेे की, पढ़ा़ हुआ लम्बे समय तक कैसे याद रखे? स्टुडेन्ट लाईफ की
सबसे बड़ी प्रॉब्लम की हम लोग पढ़तेे तो बहुत ज्यादा है बहुत ज्यादा मेहनत
भी है लेकिन पढ़ा हुआ हमेे लम्बे समय तक याद नही रहता, हम आगे का पढ़ते
जाते और पीछे का भूलते जोते है इसी प्रॉब्लम को आज हम सॉल्व करने वाले है।
Discussion On Topic : पढ़ा हुआ लम्बे समय तक कैसे याद रखे
तो दोस्तो आज हम एक और इम्पोर्टेंट टॉपिक पर बात करेंगेे की,
पढ़ा़ हुआ लम्बे समय तक कैसे याद रखे? स्टुडेन्ट लाईफ की सबसे बड़ी प्रॉब्लम की
हम लोग पढ़तेे तो बहुत ज्यादा है बहुत ज्यादा मेहनत भी है लेकिन पढ़ा हुआ हमेे
लम्बे समय तक याद नही रहता, हम आगे का पढ़ते जाते और पीछे का भूलते जोते
है इसी प्रॉब्लम को आज हम सॉल्व करने वाले है।
तो सबसे पहले तो हम ये देखते हैै की हम चीजों को याद कैसे रखते है
जो सबसे पुरानी पद्धति है रटने की इसमे ये होता है की टॉपिक काेे बिना समझे बार- बार
पढ़ने अथवा रटने का काम किया जाता है ताकी वो हमारे ब्रेन मे सेव हो जाए
और वो डाटा सेव भी हो जाता है लेेेकिन एक दिन बाद या दो दीन बाद और ज्यादा
से ज्यादा एक सप्ताह बाद वो डाटा हमारे माईंड से चला जाता है
अब वा डिलिट क्यो हो जाता है।
दूसरा तरीका होता है यूज लिपिस्टिक अब बहुत सााारे लाेग पुछेंगे सर लिपिस्टिक कैसे
यूज करे वो तो लड़कीया यूज करती है तो मै लिपिस्टिक कहता हूँ जिसे अधितर लोग
कहते है हाईलाइटर, तो पढ़ते वक्त हमे क्या करना है हमेे हाईलाइटर यूज
करना है मैैन लिपीस्टिक वर्ड क्यूँ यूज कीया वा
इसलिए किया क्यूकी इसमे फिलिंग
है लड़किया उससे बहुत ज्यादा इससे अटैज है और बॉय्स भी अब बॉय्स क्यूूँ अटैज हैै
ये मुझेे बताने की जरूरत नहीं है तो होता क्या है तो हम हाईलाइटर का यूज
करना है अब क्वेश्चन ये आता है कि कीतने हाईलाइटर का
यूज करना है? तो हमे तीन हाईलाइटर का यूज करना है।
अब कुछ लोग पुछेंगेे की जब एक हाईलाइटर से काम हो रहा है तो तीन क्यूँ?
तो पहली बात ये की जब आप पहली बार आप रिडिंग करोंगे तो आपको कोई एक
हाईलाइटर यूज कर लेना है और उसमे जो भी इम्पोर्टेंट चीज है उसे हाईलाइट करते
जाना है लकीन जब आप सेकन्ड बार उस टाॅपिक को यूज करोंगे तो आपको
क्या करना है आपको दूसरे कलर का हाईलाइटर का यूज करना है उससे होंगा क्या
तो एक बार जो आपने पढ़ा है जब आप दूसरी बार उस पर
हाईलाइट करोंगे तो आपके ब्रे्न मे और डीप वाे डाटा चला जायेंगा और
जब तीसरी बार करोंगेे तो आपको बाकी चीजें नही दिखेंगी आपको सिर्फ वही
चींजे दिखेंगी जो आपके लिए इम्पार्टेंट है उसे हम लोग कहते है एक्टिव रिडिंग
क्यूकी वहा आप बहुत एक्टिव तरीके से रिडिंग करोंगेे आपको उसके अलावा
बाकी चीजें दिखेंगी ही नही तो बहुुत अच्छे से आपकी रिडिंग हो जायेंगी।
तीसरा तरीका हैै यूज योर नॉलेज़ आपको अपने नॉलेज़ का यूज करना है कैसे यूज करना है
अगर कोई टॉपिक पढ़ रहे हो आप या कोई चेप्टर पढ़! रहे हो तो उसके साथ
क्या करना है जो भी आपके पास नॉलेज़ है क्या आप उस चेप्टर से रिलेटेड कुछ
क्रिएटिव कर सकते हो क्या वो देखना है उस चेप्टर को कोइ
अलग ड़ग से पढ़ सकते हो क्या? कोई भी टीचर क्या करता हैै किताब मे जैसा
दिया है वैसा नहीे पढ़ाता है उसी टॉपिक काेे पढ़ायेंगा पर अपने तरीकेे से पढ़ायेंगा
कुछ चेंजेस लायेंगा उस मे इसलिए हमे टिचर से पढ़ने मे मदद मिलती है तो
आपको क्या करना है जब भी आप किसी टॉपिक को पढ़ो या किसी चेप्टर को
पढ़ो तो कोशीश करो की उसमे कुछ न कुछ उसमे क्रिएटिव कर सके तो आपको मजा आयेंगा पढ़ने मे।
इसके बाद हम लोग बात करे जो सबसे इम्पोर्टेंट है तो आपको क्या करना है फॉलो
स्टडी पिरामीड्स ये स्टडी पिरामिड क्या हाेेेता है ये आपको बहुत ज्यादा हेल्प
करेंगी पढ़ायी करने मे किसी भी पढ़ी हुइ चीज को याद रखने मे या किसी
भी डाटा को याद रखने मे तो चलिए स्टडी पिरामिड को हम लोग समझते है रिसर्च कहती
है की कोई भी चीज जब आप पढ़़ते हो या रिड करते हो या किसी चीज को सीखते
हाेे तो होता क्या है मात्र 5 % डाटा आपके ब्रेेनमे जाता है अगर तरीका लेक्चर का
हो मतलब ये कि अगर आप कोई लेक्चर देख रहे हो तो क्या होंगा पूरे लेक्चर
के दौरान मात्र 5% डाटा आपके ब्रेन मे जायेंगा।
दूूसरी बात करें तो डाटा हमारे ब्रेेन मे 10 % कब जायेंगा जब आप रिडिंग करते हो
20 % डाटा हमारे माईंड मे कब जाता है जब आप ऑडियो विसुअल के रूप मे
उसे लेते हो मतलब ये कि आप उसे सुन भी रहे हो और देख भी रहे हो,
30% डाटा हमारे माईंड मे कब जाता हैै जब हमें कोई डेमोस्ट्रेशन देखने को मिल जाये
इसका मतलब जैसेे स्कूल मे प्रक्टिकल होते हैै तो उस प्रकार से उस टॉपिक का
कोई डेमाेे हमेे देखने को मिल जाये तो 30 % डाटा हमारे ब्रेेन मे चले जाता हैै।
अब 50% डाटा हमारे माईंड मे कब जाता है जब हम किसी केे साथ उस टॉपिक
को डिस्कस करते है, अगर कोई टाॅॅपिक हम लोगो ने और उसको किसी के साथ
डिस्कस कर लिया तो 50% डाटा हमारे ब्रन मे जाता है।
अब 75 % डाटा हमारे माईंड मे कब जाता है वेेरी वेरी इम्पोर्टेंट जब
हम किसी चींज की प्रेक्टिस करते है, मै हर एक स्टुडेंट से कहता हूँ की जब भी
आप कोई टॉपिक पढ़ो तो उसकी प्रेक्टिस करो रिटर्न वर्क करो लेकिन
अधिकर स्टुडेन्ट ऐसा नहीं करते उन्हे ऐसा लगता हैै की टाईम वेस्ट हो जायेंगा
टेक्नालाॅजी क जमाना हे अगर हमेे नाट्स चाहिए ताेे फोटोकॉपी कर लेते है
या मोबाइल मे फाटो खींच लेते है तो ऐसी बहुत सारी टेक्नोलॉजी है , टेक्नोलॉजी का
उपयोग करके यूज करके हम प्रेेक्टिस नही करते है लेकिन
ऐसा नही करना है अगरआप चींजा बहुत अच्छे तरीके से लम्बे समय तक याद
रखना चाहते हो तो आपको क्या करना पढेंगा जो भी टॉपिक आपने पढ़ा है उसकी
प्रक्टिस करना पडे़गा और बार- बार करना पढ़ेगा इसके बाद सबसे इम्पोर्टेंट
90% डाटा कब हमारे माईंड मे चला जाता है जब आप दूसरो को पढ़ाते हो।
अब स्टुडेंट लाईफ मे सबसे बड़ा़ कनफ्यूजन ये रहता है कि अगर मै सामने वाले
स्टुडेंट को पढ़ा दुगा तो येे भी सीख जायेंगा लेकिन आप ये भी तो साेेेचाीये कि
वाेे तो सिखेंगा ही लेकिन उससे ज्यादा आप सीख जाओंगे और वाे जो डाटा है वो
आपके ब्रेन मे छप जायेंगा और वो हमेशा के लिए याद रहेंगा। अब एक और
प्रॉब्लम स्टुडेंट के साथ, की सर हम लोग दूसरो को पढ़ा नही सकते, क्यूँ नही
पढ़ा सकते? तो सर दूसरा कोई व्यक्ति हमको मीलता नही है पढ़ाने के लिए
और दूसरी बात की अगर हम किसी को पढ़ाने चाहे तो वो
हमसे पढ़ना नही चाहता तो क्या करे –
तो अब आपको क्या करना है कि जब आप दूसरो को नही पढ़ा सकते हो तो
आपको अपने आप को ही पढ़ाना है तो सर वा कैसे? तो तुम्हे क्या करना है
की उस टॉपिक का आपको ऑडियो रिकार्ड करना है और जब आप मॉर्निंंग
वॉक पर जाओ या इवनिंग वॉक पर जाओ या फिर रात मे छत पर टहलने जाओ
जब भी आपको फ्री टाईम मिलेे तो आपको वो सुनना है तो उससे
क्या होगा आपके ब्रेन मे डाटा चला जायेंगा।
अब आप बोलेंगेे की सर ऑडियो तो सुुन लेंगेे पर जब तक किसी को समझायेंगे
नही तो मजा नहीं आयेंगा , तो उसका भी उपाय है और वो ये कि आपको
अपना डाटा नॉन लिविंग चीजो को समझाना है जैसे चेयर, मेज,
पिल्लर, और भी चींजे जीसमे जान न हो,
लेकिन आप फिर बोलोंगे की सर जब तक कोई ऑन्सर नहीं देता तो पढ़ाये जैसे नही लगेेगा,
तो उसका भी साॅल्यूसन है और वो ये की आपको अपना डाटा लिविंग थिंग को
देना है जैसे कूत्ता, बिल्ली, तोता, किसी को भी तो वो बीच-बीच मे मुण्डी हीलाते
रहेंगा तो आपको पढ़ा़ने मे मजा आयेंगा और आपको फील करना है कि आप
किसी को पढ़ा रहे हो तो ये आपके प्राब्लम का साॅल्यूसन निकल गया। तो इस
तरह से आपको पिरामिड को यूज करना है तो आपको डाटा लम्बे समय तक याद रहेंगा।
अब आप मे से कूछ लोग बोलेंगे की सर आप बोल रहे थे कि लेक्चर के दौरान
केवल 5 % डाटा हमारे माईंड मे जाता है लेकिन हमारे टीचर तो जब समझाते है तो
हमे 90-100% समझ आ जाता है , तो महान है ऐसे टिचर उनकी टेक्निक महान
है उन्होने क्या किया है अपने लेक्चर के दौरान ये साराी
चीजो को इंप्लिमेंट कर लिया है इसलिए आपको किसी टिचर से 100% समझ
मे आ जाता है, मै हर टीचर की बात नहींं कर
रहा हॅूू हर टिचर से 100% समझ नहीं आता है लेकिन कुछ टिचर इतने
अच्छे होते है की इन सारी चींजो को वो इंप्लिमेंट कर लेते है और अपने लेक्चर मे इस
प्रकार से रिप्रजेंट करते है कि स्टुडेंट को 100% समझ आ जाता है तो अगर आपके
पास ऐसे टिचर है तो बहुत अच्छी बात है आप अपने आप को धन्यवाद दो और
अपने टिचर को भी धन्यवाद दो कि ओ आपको पढ़ा रहे हैै।
अगला पॉईंट है रिपिटेशन, रिपेटेशन से मतलब है स्मार्ट तरीके से रिपिटेशन,
मेरा एक खुुद का क्वाट है जो मै मोबाइल मे लिखके रखता हूॅ ( रिपिटेशन इज़ द की ऑफ सक्सेस )
इसका मतलब ये हुआ की आपको चींजाेे को बार-बार रिपिट करना है अगर
आप रिपिट करोंगेे तो वही आपके सफलता की चाबी है लेकिन कैसे एक्टिव तरीेके से
अगर आप एक्टिव तरीके से स्मार्ट तरीके से बार-बार चींजो को रीपीट करोंगे तो चींजे
आपके दिमाग मे अच्छी तरह सेट हो जाती है और फिर आप
जब चाहो तब उसेनिकाल सकते हो।
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SMART REPEATATION |
तो अगर आप इस ब्लॉग का विडियो देखना चाहते हो और पढ़ा हुआ लम्बे समय
तक कैसे याद रखे ? को समझना चाहते है तो निचें दिए गए लिंक पर क्लिक करें –
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