Discussion On Topic : हम हमेशा खुश क्यो नही रह पाते है ?
तो दोस्तो आज हम एक और इम्पार्टेंट टॉपिक पर बात करने वाले है कि हम
हमेशा खुुुश क्यों नहीं रह पाते है? तो कुछ कारण है जिनके वजह से हम हमेशा खुश
नही रह पाते है, तो आइए देखते है उन कारणो को –
1). दु:ख –
सिम्पल सी बात है अगर हम लोग खुश नही है इसका मतलब है
हम दु:खी है हम दुखी इसलिए है क्योंकि हमारे लाईफ बहुत सारी प्रॉब्लम्स है इसलिए
हमे प्रॉब्लम को साल्व करते आना चाहिए नही तो जी़न्दगी खत्म हो जाती है
पर प्राॅब्लम्स खत्म नहींं होती है हमारी लाईफ मे बहुुत ज्यादा प्रॉब्लम्स है इसलिए
हम हमेशा दु:खी रहते है हम हमेशा दु:खी रहते है इस वजह
से हम हमेशा खुश नहीं रह पाते है।
2). खुशी को ढूँढना –
लेकिन जब हम खुशी को ढूँढते है तो खुशी हम मील भी जाती है लेकिन वो
खुशी नही प्लेजर होता है और प्लेजर से हम शाॅर्ट टाईम मे तो खुशी मील जाती है
लेकिन लाँग टाईम मे हम और ज्यादा दुु:खी हो जाते है तो हम खुशी को ढूँढते
रहते है इस वजह से हम हमेशा खुश नही रह पाते है।
यह भी पढ़ें : Brain और Mind मे क्या अंतर है ?
3). नेगेटिव थींकिंग –
जिन लोगा की नेगेटिव थींकिंग होती है वो अक्सर चिड़चिड़े स्भाव के होते है
छाेटी- छोटी बातो पर गुस्सा आ जाता है, और ऐसे लोग अपनी गुस्से के
वजह से अपनी हेल्थ को और दूसरे लोगो से व्यवहार को पूरी तरीके से खराब कर
लेते है जिस वजह से इनकी हैप्पीनेस भी पूरी तरीके से खराब हो जाती हैै। नेगेटिव थिंकिंग
की वजह से ही बहुत लोग अपने लाईफ मे खुश नही रह पाते है।
4). कम्पेरीज़़न –
कम्पेरीज़न सबसे बड़ा कारण है हमशा खुश नही रहने का हम अपने
आप को दूसरे व्यक्ति की पर्सनॉल्टी से बॉडी से इनकम से और हैप्पीनेस से
सक्सेस से कम्पेयर करने लगते है हम लोग ये नहीं समझ पाते है कि किसी भी
व्यक्ति को अपने काबिलियत के अनुसार ही मिलता है हम मेहनत नही
करते और अपने आप को दूसरे व्यक्ति से कम्पेयर करने लगते है तो
जब हम लोग कम्पेयर करने लगते है तो हम हमेशा खुश नहीं रह पाते है।
5). सोसल मीडियॉं –
यह भी पढ़ें : How To Stay Motivated || DRx Devesh Pal
सोसल मीडियॉं जिसमे पूरी दुनियां फसी है सोसल मिडियॉंं हमारे माइंड की
कन्डीसनींग कर देता है जीसकी वजह से हमारा माईंड ऑटाप्रोग्राम होते रहते है,
साेसल मीडियॉंं हमे आलसी बना देता है और हमारे माईंड के स्पीड को कम
कर देता है हमे समझ ही नहीं आता कि हमार लाईफ के लिए क्या सही और
क्या गलत है सेासल मीडियां को हम सुबह से लेकर श्याम तक चलाते रहते है
और इस तरह पूरा दीन निकल जाता है और सोसल मीडियां की सारी गन्दगी
हमारे माइंड मे स्टोर हो जाती है जिसके वजह से हम लोग हमेशा नही रह पाते है
6). नेेगेटिव ऑफरमेशन –
नेगेटिव ऑफरमेशन यानी की नेगेटिव स्टेटमेंट जो हम अपने आप से
कहते है जैसे – कोई हमसे पुछता है कि कैसी चल रही है लाईफ तो हम कहते है
कट रही है, लाईफ चल रही है लाइॅॅफ, जब हमसे कोई कहता है तुम तो
बहुत अमीर इन्सान हो तो हम कहते नही नही मै तो बहूत गरीब इन्सान हुँ,
हम अपने आप से कहते है कि भगवान मेरी हीे इतनी ज्यादा परीक्षा क्यो लेता है?
मेर ही लाइफ मे इतनी सारीा प्राँब्लम क्यो आती है? जब ऐसे सिंगनल
हम अपने माईंंड को देते है तो वो हमारे सबकाॅन्सीयस माईंड मे स्टोर हो जोते है
जीसका एण्ड रिजल्ट दु:ख ही होता है जिसके वजह से हम हमेशा खुश नहीे रह पाते है।
तो अगर आप इस ब्लॉग का विडियों देखना चाहते है और “हम हमेशा खुश क्यो नही रह पाते है ?” को समझना चाहते है तो निचें दिए गए लिंक पर क्लिक करें –
THAKSFOR READING