what is friendship ?

what is friendship ? दोस्ती को अगर हम एक शब्द में डिफाइन करें तो हम
बोल सकते हैं कि दोस्ती वह है जो मैं सुकून देती है
मजा देती है रिलैक्सेशन देती है अगर कोई अपने दोस्त के पास
जाता है और वहां कितना भी थकाओ कितना भी
परेशान हो वह वहां जाकर रिलैक्स फील करता है | 

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तो दोस्तों आज हम एक और इंपॉर्टेंट टॉपिक पर बात करने वाले हैं व्हाट इस फ्रेंडशिप

रियल दोस्ती क्या होती है तो चलिए इसे समझने की कोशिश करते हैं-

what is friendship ?  

तो दोस्तों दोस्ती को अगर हम एक शब्द में डिफाइन करें तो हम
बोल सकते हैं कि दोस्ती वह है जो मैं सुकून देती है
मजा देती है रिलैक्सेशन देती है अगर कोई अपने दोस्त के पास
जाता है और वहां कितना भी थकाओ कितना भी
परेशान हो वह वहां जाकर रिलैक्स फील करता है |  दोस्ती वहां है
जहां हमारे विचारों की एक समान मिलती है एक सिमिलरिटी मिलती है जैसे
अगर आप मस्ती करने वाले हो तो आपको आपका फ्रेंड भी मस्ती
करने वाला ही होना चाहिए अगर आप पढ़ने वाले हो तो आपका
दोस्त भी आपको पढ़ने वाला चाहिए अगर आप नॉलेज gainकर रहे हो तो
आपको एक ऐसा दोस्त चाहिए जो नॉलेज gain करता हो ,अगर हमारे विचारों की
समानता नहीं मिलती है जैसे अगर मैं बात करूं तो मैं एक फनी पर्सन हूं और मुझे
कोई ऐसा सीरियस पर्सन मिल जाए जो थोड़ी भी मस्ती ना
करें तो वहां दोस्ती नहीं हो सकती।
 मेरे अकॉर्डिंग अगर मैं बात करूं दोस्ती की तो भगवान जिन रिश्तों को
खून के रिश्तो से बांधना भूल जाते हैं उसे वहां दिल के रिश्तो से बांध देते हैं और उसे ही
दोस्ती कहते हैं |  जब हमारे लाइफ में कोई खुशियां आती है तब भी हम दोस्तों में बताते
हैं तो वहां बढ़ जाती और जब हमारे लाइफ में कुछ दुखिया बड़ी प्रॉब्लम
आती है तब हमारे दोस्तों में शेयर करते हैं तो हमारी प्रॉब्लम्स कम होती है
और हम रिलैक्स हो जाते हैं| हमने बहुत बार सुना है कि दोस्ती में जितना
सुकून है उतना ही दुख भी है ,तो हम जानने की कोशिश करते हैं कि यह कैसे हैं ?

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 होता क्या है कि बहुत सारे लोग अपने दोस्ती में उम्मीद लगा बैठे हैं
कि अगर मैं मेरे दोस्त का दुख में साथ दिया है तो यहां भी मेरे दुख में मेरा
साथ देगा तो दोस्तों यहां मैं एक चीज आपको बता दूं की दोस्ती वह रिश्ता
है जिसमें बहुत सुकून होता है लेकिन इसमें दुख भी बहुत होता है, जैसे कि
अगर हम बात करें कि कोई लड़की आपकी दोस्त है और वह बहुत
अच्छी दोस्त है और आगे चलकर उसके लाइफ में उसका कोई बॉयफ्रेंड आता
है तब वह आपको थोड़ा टाइम देना कम कर देती है और ऐसे धीरे-धीरे
करके आपके दोस्ती में खटास आ जाती है और आपको दुख होने लगता है | अगर
हम लड़कों की बात करें तो लड़कों के लाइफ में भी एक चीज होती है अगर
उनके लाइफ में कोई गर्लफ्रेंड आ जाती है कोई लड़की आ जाती है तो वह
धीरे-धीरे हमें टाइम देना बंद कर देते हैं और हमें टाइम देना बंद कर देते हैं उसे वजह
से हमें ऐसा लगता है कि अब हमारी
दोस्ती पहले जैसी
नहीं रही और हम दुखी होने लगते हैं।
 तो दोस्तों होता क्या है कि दोस्ती में जितना सुकून होता है उतना ही दुख होता है आप एक
तरफ आपके सारे एफर्ट्स लगते हो दोस्ती को अच्छा रखने में लेकिन सामने वाला धीरे-धीरे
टाइम के अकॉर्डिंग बदलते चला जाता है तो उस चीज को एक्सेप्ट करने के लिए आप हमेशा
मेंटली प्रिपेयर रहो तो उस वजह से फिर आपको दुख नहीं होगा।

what is friendship ? : तो दोस्तों अब हम बात करते हैं कि फेक

फ्रेंड्स और रियल फ्रेंड क्या होता है ?

तो दोस्तों अगर हम बात करें फ्रेंड की तो यह फ्रेंड्स ऐसे होते हैं जो आपकी खुशी और सुख
वाले मोमेंट में तो आपके साथ होते हैं लेकिन जब भी आपकी लाइफ में कोई प्रॉब्लम आती है
या दुख आते हैं तब यह आपका साथ छोड़ कर चले जाते हैं |  तो दोस्तों अगर हम रियल फ्रेंड
की बात करें तो अगर हम बात करें अपने सच्चे दोस्त की तो अगर वह बहुत दुखी होता है तो
उसको देखकर हम भी दुखी हो जाते हैं अगर वह खुश होता है तो हम भी उसे देखकर खुश
हो जाते हैं पर जब भी वह कोई प्रॉब्लम में होता है तो मैं ऐसा एहसास होता है कि वह कोई
प्रॉब्लम में है | और जब हमारी दोस्ती धीरे-धीरे गहरी होती चली जाती है जब आप एक सच्चे
और सबसे खास दोस्त मतलब बहुत अच्छे फ्रेंड बन जाते हो बेस्ट फ्रेंड बन जाते हो तो
आपकी बातों में मैं हट करके आप या हम या हमारा आ जाता है। 

 दोस्तों अब हम बात करते कि अगर हमें कोई बेस्ट फ्रेंड बनाना है

तो उसके लिए हमें क्या करना होगा ? 

 दोस्तों बात करे किसी भी person की तो हर person का अपना एक नेचर होता है अपनी एक पर्सनालिटी
होती है कोई फनी रहता है कोई सीरियस होता है कोई knowledgeable होता है कोई बहुत ज्यादा पढ़ने वाला होता
है हर person की अलग-अलग personality होती हैं | तो दोस्तों आपको अगर कोई बेस्ट फ्रेंड बनाएगी तो वह तभी
बनाएगा जब आपके पास ye दो चीजें रहेंगी पहले नॉलेज और दूसरा एंजॉयमेंट क्योंकि हर कोई क्या चाहता है कि
कोई भी प्रॉब्लम हो तो वह दोस्त के पास जाकर solve हो जाए।
तो अगर प्रॉब्लम को सॉल्व करना है तो फिर उसके लिए आपके पास नॉलेज होना चाहिए और अगर आप
हमेशा नॉलेज बातें करोगे तो फिर आप बोरिंग person बन जाओगे तो इसीलिए आपको क्या करना होगा कि
थोड़ा सा इंटरटेनमेंट पर भी काम करना होगा थोड़ा फन पर भी काम करना पड़ेगा क्योंकि जैसे ही अगर आप
अपने कोई ग्रुप में जाओ तो लोगों के फेस पर स्माइल आ जानी चाहिए कि हां अब यह इंसान आ गया है तो अब
और मजा आएंगे आप अपने फ्रेंड्स ग्रुप की जान बन जाओ, ऐसा बोला जाता है कि अगर आप नमक बन गए कि
अब आपके बिना किसी चीज में स्वाद ही नहीं आएगा तो अगर आपकी ऐसी पर्सनालिटी बन जाती है तो आप
रियल फ्रेंड बहुत आसानी से बना लो | कोई भी जब आपको रियल फ्रेंड बनाता है तो उसको आपसे कुछ चाहिए
होता है, जैसे कि आप उसकी कोई प्रॉब्लम सॉल्व कर दो उसके चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल ला दो कुछ ना
कुछ तो वैल्यू ऐड करनी ही पड़ती है आपको तो इसलिए अगर आपके पास कोई नॉलेज होता है या आपके पास
कोई स्किल होती है सिंगिंग डांसिंग पेंटिंग में कोई भी स्किल होती है तो आपकी वैल्यू बढ़ जाती है।

 दोस्तों अब हम बात करते हैं कि दोस्ती क्यों टूट जाती है 

तो इसका एक रीजन है उसका रीजन यह है कि सबसे पहले तो हम यह देखते की दोस्ती कितने टाइप
की होती है तो अगर हम इसकी टाइप की बात करें तो एक जो दोस्ती होती है वह स्कूल टाइम वाली होती
है एक वह होती है जो बचपन वाली होती है अब जैसे ही हमारा बचपन खत्म होता है तो बचपन वाली दोस्ती
टूट जाती है और जब हम स्कूल से कॉलेज में चले जाते हैं तो फिर हमारी स्कूल वाली दोस्ती टूट जाती
है उसके बाद फिर हम कॉलेज में आते हैं हमारे कॉलेज में दोस्ती होती है और उसके बाद हम बहुत
मस्ती करते हैं और फिर जब हम अपने लाइफ को लेकर सीरियस होते हैं और अपने लाइफ में कुछ
करने लग जाते हैं तब हम हमारे कॉलेज वाली दोस्ती भूल जाते हैं फिर हम जहां वर्क कर रहे हैं जी
ऑफिस में जा रहे हैं वहां हमारे नए दोस्त बन जाते हैं, अभी क्या हुआ है कि सोशल मीडिया इतना
आ गया है कि इतनी सारी चीज हम हैंडल ही नहीं कर पाते इतने सारे दोस्त इसलिए हम क्या करते
क्या हमारे ऑफिस वाले जो लोग होते हैं उन्हीं के साथ हम थोड़ा इंजॉय कर लेते हैं लेकिन फिर
कुछ दिनों के बाद हमारी कंपनी चेंज हो जाती है या हमारा ऑफिस चेंज हो जाता है तो
वह दोस्ती भी हमारी वही रह जाती है।

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 तो हमारी दोस्ती इसलिए टूट जाती है क्योंकि हमारी दोस्ती शॉर्ट टर्म की क्योंकि हम शॉर्ट टर्म
में दोस्ती बनाते हैं और वह टूट जाती है फिर शॉर्ट टर्म में बनाते हैं वह फिर टूट जाती है अगर
आपको अपनी दोस्ती को लंबा लेकर जाना है तो आपका और आपके दोस्त का एक लंबा विजन
होना चाहिए मैंने एक रिसर्च में पढ़ा है कि अगर आपकी दोस्ती 7 साल तक चल जाती है तो वह
आपकी दोस्ती नहीं रहती वह एक रिश्ता बन जाती है तो फिर इसमें एक संभावना बन जाती है कि
वह दोस्ती आपकी लाइफ टाइम तक रहेगी तो इसलिए अगर आपको कोई लॉन्ग टाइम के लिए
फ्रेंडशिप बनानी है तो आपको एक long विजन चाहिए।

 अब कुछ लोग यहां भी कहते हैं कि हमारी दोस्ती तो बहुत लंबी

थी बहुत गहरी थी फिर भी हमारी दोस्ती क्यों टूट गई ?

तो इसका रीजन यह है कि जब दोस्ती स्टार्ट होती है जब दोस्ती की शुरुआत होती है तो बहुत सारी
कमिटमेंट होती है और जब हमारी बहुत सारी कमिटमेंट पूरी भी होती है तो उसके बाद हमारा ट्रस्ट
बिल्ड हो जाता है बहुत सारे ट्रस्ट बिल्ड हो जाता है जिससे हमारी दोस्ती बहुत गहरी हो जाती है और
जब हम बहुत ज्यादा ट्रस्ट करने लगते हैं तो फिर उम्मीद का जन्म होता है, तो फिर हमें ऐसा लगता है
कि यार अब यह हमें कभी छोड़कर नहीं जाएगा जब भी मुझे कोई प्रॉब्लम होगी तब या मेरे साथ रहेगा
 दोस्तों होता क्या है कि जब भी आपके किसी दोस्त के लाइफ में कोई लाइफ पार्टनर आता है तो फिर जो
आपका टाइम वह जो आपको पहले जितना देता था अब वह उतना आपको नहीं दे पता है तो आप क्या
होता है कि जो आपने उम्मीदें बंद रखी थी जो उम्मीदें आपको उस थी वह उम्मीदें क्या होती है टूट
जाती है और जब उम्मीद टूटती है तो बहुत दर्द होता है बहुत दुख होता है पर वह दुख इतना होता है
इतना ज्यादा दर्द होता है तो आप क्या करते हो कि आप दोस्ती ही तोड़ देते हो फिर आप उनको
समझते हो ना आप खुद को समझते हो फिर वह एक डिप्रेशन वाली स्टेज आ जाती है 
 तो उम्मीद एक रस्सी की तरह होती है जैसे एक तरफ से आपके दोस्त ने पकड़ रखी है और एक
तरफ से आपने और दोनों उसको एक दूसरे के साइड खींच रहे हैं पर जैसे ही बीच में उसमें कट
लगता है और आपने उसे नहीं सम्भाला तो वह दोनों ही साइड गिर जाती है, तो इस
तरह आपकी उम्मीद टूटती है और फिर दोस्ती भी टूट जाती है।

 तो अब हम बात करते कि अगर हमें नए दोस्त बनाना है तो

उसके लिए मैं क्या करना होगा ?

 तो जैसे अगर आप किसी अनजान शहर में गए और आपके वहां दोस्त बनाना है तो ऐसा बोला जाता है
आप दोस्त बनना चाह रहे हो मतलब आप किसी दूसरे को दोस्त बनना चाह रहे हो तो अगर
आप सामने वाले को दोस्त बनना चाह रहे हो तो पहले आप अपने को भी देखा कि आप उसका
दोस्त बनने लायक हो या नहीं तो इसीलिए सबसे पहले आपको अपने ऊपर काम करना होगा तो
सबसे इंपॉर्टेंट जो स्किल होती है वह कम्युनिकेशन स्किल होती है जो दोस्ती को स्ट्रांग करती है
ना वह कम्युनिकेशन स्किल ही करती है दोस्ती में जो है ना चेहरा नहीं देखा जाता है तो इसीलिए
आपको थोड़ा सा पर्सनालिटी पर काम करना वापस नई टीमेंस ऐसा नहीं की आपको बॉडी सॉरी
सिक्स पैक बनाने हैं लेकिन कुछ चीज जैसे आप बैठते कैसे हो आपके उठने बैठने का तरीका कैसा
है कुछ ऐसी चीज और सबसे इंपॉर्टेंट आपकी कम्युनिकेशन स्किल और एक अच्छी सी बॉडी लैंग्वेज
तो इसलिए आपको कुछ कर या पांच स्किल पर काम करना होगा और इसके बाद अगर हम देखे
तो आपको कुछ सिमिलरिटी रूल्स को फॉलो करना होगा जैसे कि आप सामने वाले पर्सन को दोस्त
बनना चाह रहे हो तो आप यह देख लो कि उसकी पर्सनालिटी कैसी है।

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  उसका इंटरेस्ट किस चीज में है अगर वह क्रिकेट खेलता है तो आप क्रिकेट की बातें करो तो
आपकी दोस्ती बढ़ाते चली जाएगी तो इससे होगा क्या कि वह भी आपको प्रॉपर अटेंशन देगा और
आप भी उसकी प्रॉपर्टी टेंशन दोगे तो इसे दोस्ती बढ़ते चली जाएगी इसके बाद आपके पास नॉलेज
भी होना चाहिए अब एक शॉर्ट टाइम में तो दोस्ती स्टार्ट हो गई लेकिन अब जो आपका दोस्त बनाएं
अगर उसके लाइफ में कोई प्रॉब्लम आती है तो वह जरूर आपके पास आएगा और आपके पास
नॉलेज होगा तो आप उसकी प्रॉब्लम को सॉल्व कर दोगे तो इससे आपकी दोस्ती और गहरी हो
जाएगी अब ऐसा भी नहीं कि उसके लाइफ में सारी टाइम प्रॉब्लम सी रहेगी तो इसलिए मैं आपको
थोड़ा सा इंटरटेनमेंट पर काम करना होगा ताकि आप जब भी उससे मिलो तो आप उसको एक प्यारी
सी स्माइल के साथ मिलो  तो इसीलिए आपको नॉलेज एंटरटेनमेंट लॉ ऑफ़ सिमिलरिटी पर्सनैलिटी और
कम्युनिकेशन स्किल पर आपको काम करना होगा इन चार पांच स्किल पर
अगर अपने काम कर लिया तो आप इसलिए कोई नया दोस्त बन सकते हो ।

 तो अब हम बात करते हैं कि आजकल का जो युथ है वह क्या करता है 10 15

दिन के लिए कोई दोस्ती बनाता है और फिर वह दोस्त टूट जाती है ?

 तो ऐसा इसलिए होता है क्योंकि में चीज दोस्ती है उसको हम लोग समझ ही नहीं पा रहे हैं
जो है यह एक बहुत अनमोल रिश्ता है क्योंकि है एक ऐसा रिश्ता है जहां हमारे मां-बाप जैसा
रिश्ता नहीं है हमारे रिश्तेदारों की जैसा रिश्ता नहीं है कि हम मुझे कभी छोड़कर ना जा सके
ऐसा नहीं दोस्ती कैसा रिश्ता है जिससे हम जब चाहे तब बना सकते हैं जब तक है तब तोड़
सकते हैं हम जिसे चाहे उसे दोस्त बन सकते हैं इसलिए यहां सबसे अनमोल रिश्ता है और
हम इस रिश्ते को समझ ही नहीं पा रहे है | आज के जो लोग हैं दोस्ती को ऐसा समझ रहे हैं
जिसे आज तुमने उसकी मदद की कल उसने तुम्हारी मदद कर दी जैसे की कोई ट्रांजैक्शन
जैसे तो अगर आप दोस्ती में लेना देना रखोगे कि अगर मैं तुझे इतना दिया तो तू भी मुझे इतना
ही देगा दोस्ती में यह सब नहीं नापा जाता है जिस दिन आप दोस्ती में यह सब नापने लग जाते
हैं तो इसे दोस्ती जो है वह 10 -15 दिन में टूटना स्वभावी की बात है।
तो दोस्तों बात ऐसी की कोई भी रिश्ता हो समय मांगता है और अगर आप किसी भी रिश्ते को स्ट्रांग
करना चाहते हो तो आपको समय देना होगा अभी क्या होता है दोस्ती के रिश्ते में आप समय दे नहीं
पाते हो आदि से ज्यादा टाइम ऑफ सोशल मीडिया पर रहते हो और अगर बाई चांस अपने दोस्तों को
टाइम दिया भी तब आप मोबाइल पर लग जाते हो तो इतना डिस्ट्रक्शन है कि जो क्वालिटी टाइम है
वहां हम स्पेंड ही नहीं कर पाते हैं।

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टाइमिंग यह नहीं कि अपने 2 घंटे दिए या 3 घंटे दिये उससे कोई
मैटर नहीं करता अगर आपने 3 घंटे भी दिए और आप मोबाइल में लगे हो तो 3 घंटे किसी काम के
नहीं लेकिन आपने अगर आपके दोस्त को 1 घंटा भी दिया और वह क्वालिटी टाइम दिया तो वहां बहुत
मायने रखता है अगर मैंने कोई समय आपको दिया है।
तो उस समय मैं सिर्फ आपको ही वह समय दूंगा
ना मैं उसे समय के मोबाइल चलाऊंगा ना कोई फोन पर बात करूंगा वह समय सिर्फ आपका होगा तो
वहां पर बॉन्डिंग बढ़ती चली जाती है जैसे हम बात करें पहले के समय में तो पहले होता क्या था कि कभी
गणना चुरा लिया करते थे कभी चने चुरा लिया करते थे किसी को कभी दो तमाच मार दिए कभी किसी के
दो तमाच खा लिए किसी को दो गाली दे दी कभी किसी की दो गाली खाकर आ गए बड़ा इंजॉय करते
थे बड़ा मजा आता था ऐसे मोमेंट है वह अब हो हीं नहीं रहे हैं। 
 अब ऐसा बिल्कुल नहीं होता है अब ऐसा होता है कि दो लोग अगर बाइक से
जाते हैं या फिर कार से जाते हैं  या बस से जाते हैं तो कोई एक अलग कोने  में
रहता है तो कोई अलग कोने में रहता है सब अपना अपना मोबाइल चलाते हैं उस
टाइम को भी यह लोग अच्छे से स्पेंड नहीं करते तो 10-15 दिन में ऐसी दोस्ती टूटना
स्वाभाविक सी बात है तो दोस्तों अब हम बात करते हैं की फ्रेंड
और बेस्ट फ्रेंड में क्या अंतर होता है।

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तो दोस्त मैंने बताया था कि जो दोस्त होते जो फ्रेंड होते हैं वह कैसे जैसे अगर
कोई स्कूल का दोस्त हो कोई कॉलेज कादोस्त हो या फिर कोई ऑफिस
का दोस्त हो तो ऐसे 10 15 दिन तीन-चार महीने दो-तीन साल के
लिए जो दोस्ती होती है वह फ्रेंड होते हैं वह क्या होते हैं दोस्त होते हैं। 
 बेस्ट फ्रेंड अगर मैं बात करूं तो जैसे अगर आपकी दोस्ती 7 साल तक बहुत
अच्छी रहती है और 7 साल केबाद आपकी दोस्ती रिश्ते में बदल
जाती है तो ऐसे जो दोस्त होते हैं वहां बेस्ट फ्रेंड होते हैं बहुत अच्छे दोस्त होते हैं
क्योंकि आप ऐसे दोस्त के साथ बचपन से ही साथ में रहते हो आपने उसके
साथ स्कूल भी बीता लिया कॉलेज भी बीता लिया और उसके बाद आपके ऑफिस में भी
आपके साथ ही और उसके बाद भी जब-जब आपको टाइम मिला तब
आपने उसका साथ दिया और उसने भी आपका साथ दिया और आप मिलते
रहे तो यह होता है बेस्ट फ्रेंड और इसकेभी आगे हम बात करें अगर थर्ड स्टेज पर हम
जाए जो मैंने बताया कि 7 साल के बाद अगर यह फ्रेंडशिप हो जाती है
तो उसके बाद जो रिश्ता है वह भाई में बदल जाता है तब आप बोल
सकते हो कि यह मेरा दोस्त नहीं है मेरा भाई है या बहन है।

 बचपन के दोस्ती की यादें हम भूल नहीं पाते और अभी की

दोस्ती की यादें हम भूल जाते हैं ऐसा क्यों | 

 तो ऐसा इसीलिए क्योंकि मैंने बताया कि बचपन में क्या होता है कि हम क्वालिटी
टाइम स्पेंड करते हैं बहुत ज्यादा मस्ती मजाक पर जब भी मस्ती
मजाक होता था तो उसमें दो चीज नहीं होती थी क्या नहीं होता था ना
तो रिस्पेक्ट होती थी ना कोई नॉलेज होता था तो इस वजह से जो
मस्ती मजाक होता था भरपूर होता था औरबहुत अच्छा होता था
इसलिए आज भी हमें वह बहुत याद आता है ।

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 लेकिन आप जैसे-जैसे बड़े होते हो और आपके पास नॉलेज आता है
अपने घर जैसे आप कोई बात करें कि चले यार क्रिकेट खेलते समय पर में कुछ
हो गया या कुछ लग गया तो क्या होगा तीन-चार दिन ऑफिस से छुट्टी
लेने पड़ेगी सैलरी कट जाएगी तो यहां क्या होता है कि कोई चीज करने
से पहले हमारा नॉलेज बीच में आ जाते हैंकि अगर मैंने ऐसा किया तो ऐसा हो जाएगा
और दूसरा रिस्पेक्ट आ जाती है बहुत बार ऐसा होता है कि अगर आप
आपके दोस्त से बात करते हो और अगर वह अपनी लाइफ में किसी अच्छी
पोस्ट पर चला जाता है आप किसी अच्छीपोस्ट पर चले जाओ तो फिर आपकी बात करने
का तरीका बदल जाता है आप तू से सीधे आप पर आ जाते हो
 तो दोस्तों अभी क्या हो रहा है पूरा एंजॉयमेंट खत्म हो रहा है ना आप आपके
दोस्तों के साथ घूम पा रहे हो ना आपकेदोस्त आपके साथ घूम पा रहे हो ना आप
कभी कोई ट्रिप पर जा रहे हो किसी पिकनिक पर जा रहे हो तो ऐसा कुछ भी
नहीं हो रहा है पूरा इंटरटेनमेंट खत्म हो गया है लेकिन बचपन
में जो टोटली एंजॉयमेंट था इसीलिए हमें आज भी बचपन
का टाइम और बचपन की यादें  हमेशा याद आती है और अभी की
दोस्ती की यादें हमें याद नहीं आती है क्योंकि बचपन की दोस्ती ने हमें सुकून
दिया है एक एंजॉयमेंट दिया पर अभी की दोस्ती में हमें यह सब देखने
के लिए नहीं मिला इसलिएभी हमें बचपन की दोस्ती की यादें हमेशा याद आती है।

 अगर आपका पुराना दोस्त अपने लाइफ में कुछ अच्छा कर

लेता है कोई ऑफिसर बन जाता है और आप ज्यादा

कुछ नहीं कर पाते हो तो आपका दोस्त आपसे बात

करने में कंफर्ट नहीं हो पाता है ऐसा क्यूँ? 

 ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब भी कोई चीज अधूरी होती है तो वहां बहुत खतरनाक
होतीं है अगर आपके उसे दोस्तकी बात करें तो उसने अपनी लाइफ
में किस चीज का नॉलेज लिया मैथमेटिक्स का लिया सोशल
साइंस का लिया साइंसऔर फाइनेंस उसने लाइफ
के बारे में कोई नॉलेज नहीं लिया तो
इसीलिए जो उसका नॉलेज है वह कैसा है अधूरा है
और जहां अधूरा नॉलेज रहता है वहां खतरा रेहता है 
 मैंने ऐसे भी दोस्त देखे हैं जिन्होंने इन सब नॉलेज के अलावा जिंदगी का
नॉलेज भी लिया है और फिर देखो वापस आते हैं
तो उनका दोस्त वह कम्युनिकेशन वाला हो गरीब हो या किस होगा कैसा
नहीं हुआ उसके घर जाता है उसके साथ बैठता
उठना है खाता पीता है सब करता है इसलिए जहां नॉलेज फूल फील हो
जाता है ना वहां सलीनता आ जाती है एक स्टेबिलिटी
आ जाती है लेकिन जहां अधूरा नॉलेज रहता है वहा ये सब नहीं होता है और
उसको ऐसा लगता है की वह जरा सा भी उठा है
तो उसको ऐसा लगता है कि वह बहुत उठा है बहुत ऊपर है
वह अपने दोस्तों को नजर अंदाज करता है ।

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