Discussion On Topic – Loneliness : Eliminate Loneliness ||
तो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं अकेलेपन को कैसे दूर करें? इसके पहले के टॉपिक
में हमने बात की थी कि अकेलापन क्या होता है, और अकेलापन के क्या कारण है,
और अब हम देखेंगे कि अकेलेपन को दूर कैसे करें?
तो आइए हम इसे समझने की कोशिश करते हैं, कुछ टिप्स है
जिन्हें फॉलो करके हम अकेलेपन को दूर कर सकते हैं–
1). प्रोडक्टिव वर्क –
हमें दिन की शुरुआत प्रोडक्टिव वर्क के साथ करनी चाहिए अगर हम स्टूडेंट है
तो हमें पढ़ाई करनी चाहिए, अगर हम जॉब कर रहे हैं तो हमें अपनी पर्सनैलिटी
को इंप्रूव करना चाहिए, ताकि हमें प्रमोशन मिल सके अगर हम बिजनेसमैन है तो
हमें पर डे बिजनेस के बारे में सीखना चाहिए, जब हम लोग प्रोडक्टिव वर्क करते रहते हैं
तो हमारी वैल्यू बहुत ज्यादा बढ़ जाती है जिसकी वजह से लोग हमारी बातों को
और हमें इग्नोर नहीं करते हैं, जिसकी वजह से हमारा कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ जाता है
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जब हम प्रोडक्टिव वर्क करते रहते है, तो हम अपने कामों में इतना बिजी हो जाते हैं
कि हमें सोशल मीडिया चलाने का जरा भी समय नहीं मिलता है,और हम लोग सोशल
मीडिया से बहुत दूर जा चुके होते हैं और इसी प्रकार हम अकेलेपन से भी दूर हो जाते हैं।
2). रुटीन –
हमें एक अच्छे रूटीन के अकॉर्डिंग ही वर्क करना चाहिए, जब हम एक अच्छी रूटीन के
अकॉर्डिंग वर्क नहीं करते हैं तो हमारा बहुत सारा टाइम वेस्ट हो जाता है जिसके वजह से
हमारे माइंड में नेगेटिविटी आती है। और जब नेगेटिविटी का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है
तब यह हमें अकेला महसूस कराती है, इसीलिए अगर हमे अकेलेपन से दूर होना है तो
हमें एक अच्छे रूटीन के अकॉर्डिंग ही वर्क करना पड़ेगा।
3). इमोशनली स्ट्रांग –
हमें अकेलेपन को दूर करने के लिए इमोशनली स्ट्रांग होना पड़ेगा। अगर एक भी इमोशन
हमारे ऊपर हावी हो गया तो हम अकेलेपन के शिकार हो जाएंगे। इमोशन के बारे
में डिटेल में इस सीरीज के सेकंड टॉपिक में हमने बात की है।
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4).मेडिटेटेड स्टेट –
मेडिटेटेड स्टेट का मतलब ध्यान की अवस्था, अब ध्यान का मतलब ये नहीं है कि
आप दिन भर आंख बंद करके मेडिटेशन करते रहे, वो हमारे लिए पॉसिबल भी नहीं है।
हम ज्यादा से ज्यादा मेडिटेशन 5 मिनट, 10 मिनट, 20 मिनट, आधा घंटा, या एक घंटा कर सकते हैं
उसके बाद क्या होगा? उसके बाद हम फिर अकेले हो जाएंगे, तो मेडिटेटेड इस्टेट मतलब की
ध्यान की अवस्था का मतलब ये है कि हम जो भी काम कर रहे हैं, उसे पूरा ध्यान लगाकर
करें जैसे हम पानी पी रहे हैं तो हमें उस वक्त सिर्फ पानी ही पीना है, अगर हम पढ़ाई कर रहे हैं
तो उस समय हमें सिर्फ पढ़ाई ही करनी है हमारे माइंड में और कोई विचार आने ही नहीं चाहिए,
अगर हम एंजॉय कर रहे हैं तो उस वक्त हमें लाइफ की सारी प्रॉब्लम छोड़कर
इंजॉय ही करना है। तो अगर हम ध्यान की अवस्था में जीना सीख गए तो अकेलेपन
से दूर हो जाएंगे जिस दिन हम अकेले जीना सीख गए, तो हम अकेले में भी इंजॉय
करना सीख जाएंगे और जब हम अकेले में इंजॉय करना सीख जाते है
तो उसे हम सॉलिट्यूड स्टेट कहते हैं, मतलब की एकांत की अवस्था
जिसकी हम बात करने वाले हैं इसके आगे वाले टॉपिक में।
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5).इंक्रीज योर नॉलेज –
हमें पर डे अपने नॉलेज को इनक्रीस करना चाहिए, जिसकी वजह से हम Loneliness से दूर हो सकते हैं तो कैसे?
जब हमारा नॉलेज बढ़ता है तो हमारी अंडरस्टैंडिंग पावर मतलब समझने की पावर बहुत ज्यादा
बढ़ जाती है हमें समझ में आने लगता है कि क्या सही है, और क्या गलत है जैसे, भूखा रहना बेहतर है,
अगर खाने में जहर है, उसी प्रकार अकेले रहना बेहतर है,अगर हमारे आस–पास के लोग नेगेटिव है। इसी प्रकार
जैसे–जैसे आपका नॉलेज बढ़ता चला जाएगा आपकी समझ बढ़ती चली जाएंगी, कि क्या सही है, और क्या गलत है
, कब लोगों की कंपनी ज्वाइन करनी है, और कब अलग रहना है तो जैसे हमारे लाइफ में
नॉलेज पड़ता है हम अकेलेपन से दूर होते जाते हैं।
6). डोंट डिपेंड एनी पर्सन –
किसी भी व्यक्ति पर डिपेंड मत रहिए, वर्ना जब वह व्यक्ति हमें अपनी लाइफ का समय नहीं देता है या हमारे लाइफ
से चले जाता है तो हम बहुत ज्यादा अकेला महसूस करते है, तो हमें क्या करना है? तो हमें सेल्फ डिपेंडेंट बनना है
सेल्फ डिपेंडेंट बनने के लिए हम बहुत सारी स्किल्स पर काम कर सकते हैं अपना नॉलेज बढ़ा सकते हैं और
इमोशनली स्ट्रांग हो सकते हैं। अगर यह काम हमने कर लिया तो हम सेल्फ डिपेंडेंट बन
जाते हैं और अकेलेपन से दूर हो जाते हैं।
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